दुनिया के सबसे बड़ा लहसुन की खेती


एक ऐसा महत्वपूर्ण गुणकारी और औषधीय मसाला जो अपने अद्वितीय स्वाद और सुगंध के लिए भारतीय व अन्य एशियाई व्यंजनों में एक आवश्यक सामग्री के रूप में प्रयुक्त होता है और वह है लहसुन की खेती। दुनिया के प्रोग्रेसिव कृषकों ने लहसुन उत्पादन के क्षेत्र में भी महारत हासिल की और एक-एक किलोग्राम के लहसुन की कली का उत्पादन कर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया। जहां आम किसान 20 से 30 ग्राम की लहसुन की कली का उत्पादन कर पाते हैं वहीं इतनी बड़ी और वजनदार लहसुन कली का उत्पादन करना अपने आप में एक बड़ी बात है। आये जानते हैं किस प्रकार इन्होंने इतने बड़े-बड़े लहसुन की खेती की और दुनिया के सबसे बड़े लहसुन उगने का रिकॉर्ड किसके नाम है।
दुनिया के सबसे बड़े लहसुन का रिकॉर्ड:
1985 में यूरेका केलिफोर्निया यूएसए के रॉबर्ट किर्कपैट्रिक द्वारा उगाए गए लहसुन की एक कली का वजन 1.19 किलोग्राम था। जिनके इस रिकार्ड को 1985 में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया।इसी के साथ हाल ही में विश्व का सबसे बड़ा लहसुन 2021 में गोर्डन ई. हृष्ट के नाम है, जिन्होंने इंग्लैंड में एक लहसुन की कली को प्राकृतिक रूप से उगाया, जिसका वजन 0.8 किलोग्राम था। इस लहसुन को उगाने की प्रक्रिया में विशेष तकनीक और ज्ञान का उपयोग किया गया, जो की लहसुन के आकार बढ़ाने में मददगार साबित हुआ।

उत्पादन और व्यापार के अनुसार लहसुन का सबसे बड़ा उत्पादक देश चीन है तथा उसके बाद भारत। आंकड़े बताते हैं कि चीन कुल विश्व उत्पादन का 80% लहसुन उत्पादित करता है तथा प्रमुख निर्यातक भी है।
भारत में सबसे बड़े लहसुन का रिकॉर्ड:
भारत में कृषि प्रधान देश में अपना शीर्ष स्थान रखता है, जहां के किसान नित्य नए-नए चमत्कार उत्पादित कर विश्व भर के किसानों को नया आयाम देते हैं। उसी कड़ी में भारत में सबसे बड़ा लहसुन महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के किसान किशोर शिंदे ने 2022 में लहसुन की एक कली जिसका वजन 600 ग्राम था, का उत्पादन कर यह रिकॉर्ड अपने नाम किया।

लहसुन उत्पादन की विधि:
भारत में किसान स्थानीय किस्म के लहसुन का चयन करते हैं, जो जलवायु और मिट्टी के अनुकूल हो। इसकी फसल को आमतौर पर अक्टूबर से दिसंबर के बीच बोया जाता है। बोन से पहले खेत की मिट्टी में पोषक तत्व और खाद नाइट्रोजन, पोटेशियम और फास्फोरस आदि मिलकर उपजाऊ मिट्टी निर्मित कर लेनी चाहिए। उसके बाद स्वस्थ लहसुन की कली को 15 से 20 सेंटीमीटर की दूरी पर लगायें तथा कलियों की गहराई 5 से 10 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए। आधुनिक तकनीकों जैसे ड्रिप इरीगेशन और जैविक खाद का उपयोग कर लहसुन की फसल उत्पादकता बढ़ाई जाती है।
लहसुन की कटाई तब की जाती है जब पौधे के पत्ते पीले और सूखने लगे आमतौर पर मार्च से मई के बीच इसकी कटाई हो जाती है। कटाई के बाद लहसुन को छाया में सुखाएं ताकि उसमें से अधिक नमी निकल जाए और उसके भंडारण के लिए ठंडी और सुखी जगह पर रखना चाहिए, इसे अच्छे से पैक करें ताकि नमी और कीटों से बचाया जा सके।

तो दोस्तों लहसुन उगना एक विशेष तकनीकी प्रक्रिया है, जिसमें सही बीज मिट्टी जलवायु और देखभाल की आवश्यकता होती है। दुनिया और भारत में बड़े लहसुन के रिकार्ड बताते हैं कि उच्च कृषि तकनीक और समर्पण से किसानों को असाधारण परिणाम मिल सकते हैं। यह न केवल कृषि में सही मानक स्थापित करते हैं, बल्कि किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनते हैं लहसुन की फसल की बढ़ती लोकप्रियता से यह भी प्रमाणित होता है की अच्छी खेती की तकनीक और मेहनत हमेशा फल देती है। इस प्रकार सही तकनीक और प्रबंधन के लिए ऐसी उच्च गुणवत्ता वाली लहसुन की फसल कर किसानों को ना केवल अपनी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि बाजार में भी मांग बढ़ेगी। दोस्तों कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा ऐसे ही रोचक तथ्यों के लिए जुड़े रहे "हेलो किसान" के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद, जय किसान॥
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