सिंग की खाद

31 Jul 2025 | NA
सिंग की खाद

खेती को लाभदायक और टिकाऊ बनाने के लिए आज किसान प्राकृतिक उर्वरकों की ओर लौट रहे हैं। रासायनिक खादों ने ज़रूर उपज बढ़ाई है, लेकिन साथ ही मिट्टी की सेहत और पर्यावरण को नुकसान भी पहुंचाया है। ऐसे में सिंग का खाद (Horn Manure) एक पुरानी लेकिन कारगर जैविक तकनीक के रूप में उभर रही है। यह खाद बायोडायनामिक खेती का हिस्सा है और मिट्टी में जीवांश तत्व, ऊर्जा और उपज शक्ति को बढ़ाता है।

How is horn manure made

सिंग का खाद क्या होता है?

सिंग का खाद गाय या बैल के सिंग में गाय का गोबर भरकर, उसे मिट्टी में गाड़कर विशेष समय तक सड़ाया जाता है। इसके बाद जो पदार्थ बनता है, वही सिंग खाद कहलाता है। यह बहुत ही शक्तिशाली माइक्रोबायोलॉजिकल और ऊर्जावान खाद होता है, जो कम मात्रा में डालने पर भी ज़बरदस्त असर करता है।

खाद कैसे बनता है?

इस खाद को बनाने की प्रक्रिया थोड़ी विशेष होती है, लेकिन बहुत मुश्किल नहीं:

1. गाय का गोबर लेना: देसी नस्ल की गाय का ताज़ा गोबर इस खाद के लिए सबसे उपयुक्त होता है।

2. सिंग का चुनाव: पुराने खाली सिंग का उपयोग किया जाता है।

3. गोबर भरना: सिंग के अंदर गोबर भरकर उसे अच्छी तरह बंद कर दिया जाता है।

4. सर्दियों में ज़मीन में गाड़ना: गोबर भरे सिंग को अक्टूबर से फरवरी के बीच 1.5 से 2 फीट गहराई में ज़मीन में गाड़ा जाता है।

5. छह महीने बाद निकालना: लगभग 6 महीने बाद सिंग को मिट्टी से निकालकर देखा जाता है। इस दौरान गोबर पूरी तरह से विघटित होकर गहरे भूरे रंग के मुलायम जैव पदार्थ में बदल जाता है।

खाद को खेत में कैसे उपयोग करें?

1. मात्रा बहुत कम होती है: सिर्फ 25 से 50 ग्राम सिंग खाद एक एकड़ खेत के लिए पर्याप्त होता है।

2. पानी में मिलाना: इस खाद को एक बर्तन में पानी (लगभग 10-15 लीटर) में घोलकर लकड़ी की छड़ी या हाथ से घड़ी और उल्टी दिशा में 1 घंटे तक हिलाना चाहिए। इससे उसमें ऊर्जा और कंपन पैदा होता है।

3. छिड़काव करना: तैयार घोल को सूर्योदय या सूर्यास्त के समय खेत में छिड़का जाता है। इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता, जीवाणु गतिविधि और पौधों की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।

सिंग खाद के फायदे

1. मिट्टी में जीवाणु बढ़ाता है: यह खाद मिट्टी के अंदर उपयोगी जीवाणुओं की संख्या को कई गुना बढ़ा देता है।

2. मिट्टी की संरचना में सुधार: सिंग खाद से मिट्टी में जलधारण क्षमता और सूक्ष्म कणों की मात्रा में वृद्धि होती है।

3. फसल की गुणवत्ता में सुधार: इसके उपयोग से फल-सब्जी, अनाज आदि का स्वाद, रंग, पोषण और संग्रहण क्षमता बढ़ती है।

4. कम लागत, अधिक लाभ: बहुत कम मात्रा में प्रयोग होने वाला यह खाद छोटे और मध्यम किसानों के लिए बेहद किफायती साबित होता है।

5. पर्यावरण के अनुकूल: इसमें किसी रसायन का उपयोग नहीं होता, इसलिए यह भूमि, जल और वातावरण को प्रदूषित नहीं करता।

सिंग का खाद किन फसलों में उपयोगी है?

इस खाद का उपयोग लगभग सभी प्रकार की फसलों में किया जा सकता है, जैसे: 1. सब्ज़ियां (टमाटर, आलू, भिंडी, गोभी आदि)  2.अनाज (गेहूं, धान, जौ)  3. फलदार पौधे (आम, नींबू, अमरूद, पपीता)  4. फूलों की खेती (गुलाब, गेंदा, सूरजमुखी)  5.  औषधीय पौधे (तुलसी, अश्वगंधा, गिलोय आदि)

Method of using horn manure

सिंग खाद बनाते समय सावधानियां

1. केवल देसी गाय का गोबर ही लें।   2. सिंग को मिट्टी में गाड़ते समय सही गहराई रखें।    3. बायोडायनामिक कैलेंडर के अनुसार खाद डालें तो परिणाम और अच्छे मिलते हैं।    4. उपयोग से पहले सही तरीके से हिलाना ज़रूरी है 5.  सिंग खाद और बायोडायनामिक खेती का रिश्ता 

यह खेती ना सिर्फ मिट्टी को स्वस्थ बनाती है बल्कि खेती को एक आत्मिक और ऊर्जा-प्रधान प्रक्रिया मानती है। इसमें चंद्रमा, ग्रहों की स्थिति और प्राकृतिक तत्वों को ध्यान में रखकर खेती की जाती है।

सिंग खाद की मार्केट वैल्यू और बिक्री

आज बायोडायनामिक खेती के बढ़ते चलन के कारण सिंग खाद की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है। कई किसान खुद इसे बनाकर बेच भी रहे हैं। 50 ग्राम का एक पैक 50-100 रुपये में बिकता है। ऑनलाइन भी यह उपलब्ध है।

निष्कर्ष

सिंग का खाद एक जीवंत, ऊर्जावान और शक्तिशाली प्राकृतिक उर्वरक है, जो किसानों को रासायनिक खादों पर निर्भरता से छुटकारा दिला सकता है। यह कम लागत में ज़्यादा उपज, बेहतर मिट्टी और स्वस्थ फसल का रास्ता खोलता है। आज जब खेती में नवाचार और परंपरा को जोड़ने की ज़रूरत है, तब सिंग खाद एक बेहतरीन समाधान बनकर सामने आया है। ऐसी जानकारी के लिए जुड़े रहे Hello Kisaan के साथ और आपको ये जानकारी कैसी लगी हमे कमेंट कर के जरूर बताइये ।।जय हिन्द जय भारत ।।

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