अंतरिक्ष में भी चलेगी कलम, विज्ञान का चमत्कार

16 Aug 2024 | others
अंतरिक्ष में भी चलेगी कलम, विज्ञान का चमत्कार

विज्ञान का ऐसा अद्भुत कमाल कि अब धरती तो धरती अंतरिक्ष में भी चलेगी कलम। जी हां दोस्तों आपने बिल्कुल सही पढ़ा एक ऐसे बेहतरीन पेन का आविष्कार हो चुका है, जिसका प्रयोग जीरो ग्रेविटी में भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है। अब से पहले स्पेस में गुरुत्वाकर्षण के कारण आम पेन का प्रयोग नहीं हो पता था; परंतु इस एस्ट्रोनॉट पेन की मदद से अब अंतरिक्ष यात्री जीरो ग्रेविटी में भी आसानी से लिख सकते हैं। आये जानते हैं विस्तार से इस अजूबे के बारे में।

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एस्ट्रोनॉट पेन और साधारण पेन में अंतर: 

जैसा कि आप जानते हैं, साधारण पेन से पृथ्वी पर लिखा जाए तो वह कामयाब है, लेकिन यदि इसी पेन की निभ को ऊपर की तरफ करके लिखें, तो वह थोड़ा-सा चलने के बाद बंद हो जाता है, क्योंकि पेन की स्याही का बहाव ग्रेविटी के कारण विपरीत दिशा में चला जाता है। इसी प्रकार यदि इस साधारण पेन से अंतरिक्ष में लिखने की कोशिश करें तो गुरुत्वाकर्षण के कारण पेन की स्याही ऊपर की तरफ स्थानांतरित हो जाती है तथा निभ तक नहीं पहुंच पाती। जिस कारण लिखा नहीं जाता। 

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एस्ट्रोनॉट पेन का विज्ञान: 

यह गजब की टेक्नोलॉजी से बना एंटी ग्रेविटी पेन है, अर्थात् इस पर गुरुत्वाकर्षण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यदि इससे पृथ्वी पर, उल्टा करके कागज पर लिखने की कोशिश करें तो यह अनवरत रूप से चलता रहता है, रुकता नहीं। वैसे तो इस पेन के अंदर भी इंक का प्रयोग किया गया है, लेकिन इसमें स्याही के साथ कितनी सारी गैसों को भी इंजेक्ट किया है, जिस कारण स्याही पर एक प्रकार का दबाव बना रहता है और वह पीछे नहीं हट पाती अर्थात् स्याही हमेशा पेन की निभ के संपर्क में ही रहती है, जिस कारण पेन रुकता नहीं। जैसे ही पेन के द्वारा लिखा जाता है और स्याही खाली होती है, वैसे ही गैस पीछे से स्याही पर धक्का लगती है और खाली बने स्थान को कवर कर लेती है। इस छोटे से विज्ञान के कारण ही यह पेन सफल रूप से कार्य कर पाता है। 


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इस पेन को इन्होंने नासा विजिट करने के दौरान प्राप्त किया था और यह इस तरह के बहुत सारे पेन अपने पास संकलित किए हुए हैं। इन पेन के माध्यम से अंतरिक्ष के साथ-साथ पानी के अंदर भी लिखा जा सकता है, अतः इसका प्रयोग मुख्यतः एस्ट्रोनॉट और गोताखोर दोनों करते हैं। इस पेन का प्रयोग -35 डिग्री फारेनहाइट से लेकर, 350 डिग्री फारेनहाइट तक किया जा सकता है। यदि एक साधारण पेन से 25 पन्ने भर सकते हैं, तो इस अद्भुत एस्ट्रोनॉट पेन से लगभग 75 पन्ने भरे जा सकते हैं। अतः इसकी लाइफ भी साधारण पेन से अधिक है। 

इस चमत्कारिक पेन का जिक्र 2012 में बनी 3 इडियट्स फिल्म में भी आया था, जिसमें इसे वायरस के पेन के नाम से जाना जाता है। इस पेन से संबंधित अधिक जानकारी लेने के लिए इनकी वेबसाइट www.ankurhobby.com पर संपर्क कर सकते हैं। ऐसी ही और अन्य चमत्कारिक जानकारी के लिए जुड़े रहे "द अमेजिंग भारत" के साथ धन्यवाद॥



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