आमेर की अद्भुत कलाकृतियां, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, लंबी दीवार और भी बहुत कुछ


अपनी खूबसूरती और कला के लिए प्रसिद्ध राजस्थान के जयपुर में स्थित यह बड़ा-सा आमेर का किला, जिसमें है जयमंदिर और उसका एक हिस्सा है शीशमहल। 1727 में जयपुर के महाराज सवाई मानसिंह द्वारा बनवाया गया था। इस प्राचीन महल वास्तव में अनूठी इमारतें है, जिसके आगे वर्तमान की आधुनिक बिल्डिंगस भी फीकी पड़ जाती है। चूंकि इस महल को दर्पणों से सजाया गया है, इसलिए यह दर्पण हॉल के नाम से भी जाना जाता है।
महल पर लगे दो झंडा करते हैं यह संकेत:
महल में बने एक ऊंचे से टावर पर दो झंडें बिल्कुल सटे हुए ऊपर-नीचे लगे हैं, जिनमें छोटा झंडा ऊपर तथा बडा नीचे है। छोटा झंडा महल के वर्तमान राजा की मौजूदगी का संकेत करता है, यदि राजा शहर में नहीं है तो झंडा हटा दिया जाता है।

500 साल पुरानी कांच की बिल्डिंग:
बेल्जियम से मंगाया गया एक अद्भुत सीसा, जिस पर उकेरी गई है कृष्ण-रासलीला की भव्य कलाकृति। जिसमें एक तरफ गौ माता, दूसरी तरफ गोपियां और बीच में श्री कृष्ण जी नृत्य कर रहे हैं। शीशे पर बनी है कलाकृति विभिन्न रंगों में चमकती है; जबकि इस पर कोई लाइट नहीं पड रही होती। इस साथ ही महल में बहुत जगह स्वर्ण कार्य भी देखने को मिलता है।

मैजिकल फ्लावर:
एक ऐसा चमत्कारिक फुल जिसको मकराना पत्थर पर उभरता हुआ उकेरा गया है, जिसमें एक छोटे से फूल में हाथी की सूंड, हिरण का शींघ, फन फैलाये कोबरा, केकड़ा, हाथी का कान, मधुमक्खी, तितली और चींटी की आंख सहित बहुत सारी कलाकृतियां एक छोटे से फूल में ही समाहित की हुई है। पत्थर पर उकेरी यह कला पहले आगरा के ताजमहल में है, तो दूसरी इस महल में ही देखने को मिलती है।

महल में उपस्थित गजब का वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम:
जयपुर का आभूषण कहे जाने वाले अमेर के किले में वैज्ञानिकता का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया गया है। 16वीं सदी में बने इस किले में पानी की आपूर्ति करने हेतु पूरे महल से बरसात के पानी को पाइपों द्वारा एक बड़े से कुएं में लाते थे, जो महल के बीचो-बीच अंडरग्राउंड बना है। जहां जल को इकट्ठा कर संरक्षित किया जाता था तथा आवश्यकता अनुसार रहट के द्वारा जल को निकाल कर उसका शोधन कर इस्तेमाल करते थे।

हिंदुस्तान के दूसरे नंबर की सबसे लंबी दीवार:
रोचक तथ्यों से भरे इस किले में बनी है एक हिंदुस्तान की दूसरे नंबर की सबसे लंबी दीवार, जिसकी लंबाई लगभग 12 किलोमीटर है तथा इसे "द ग्रेट वॉल ऑफ आमेर" के नाम से जाना जाता है। जोकि जयपुर के फोर्ट अमेर के चारों तरफ, अरावली की श्रृंखलाओं के बीच स्थित है। इसके किले के चारों तरफ बसा हुआ है आमेर गांव, जो सदियों से अपनी संस्कृति और धरोहर को संरक्षित किए हुए हैं। हिंदुस्तान में सबसे लंबी दीवार कुंभाल फोर्ट के चारों तरफ है, जिसकी लंबाई लगभग 36 किलोमीटर है।
दोस्तों! आज आपने जाना राजस्थान के प्रसिद्ध आमेर के किले के बारे में जहां प्रतिदिन 5000 सैलानी इसके दर्शन करने आते हैं। शाम के समय सुंदर, अद्भुत नजारे का आनंद लेते हैं, जो वास्तव में स्वर्ग जैसा स्थान है। ऐसे ही अद्भुत और रोचकता पूर्ण जानकारी के लिए जुड़े रहे "द अमेजिंग भारत" के साथ। धन्यवाद ॥
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