इस किसान ने किए 8 से ज़्यादा आविष्कार


ऐसे ही किसानों के लिए ढेरों आविष्कार कर रहे हैं, कश्मीर के एक कृषि वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद मुज़मिल। 34 वर्षीय डॉ. मुज़मिल, शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी में काम कर रहे हैं। वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं और बचपन से ही उन्हें खेती में विशेष रुचि रही है।
यही वजह है कि उन्होंने पढ़ाई भी इसी विषय में की। हालांकि वह पढ़ाई और काम के कारण कभी भी सीधे रूप से खेती से नहीं जुड़ सके, लेकिन अपने काम से वह हमेशा कोशिश करते हैं कि किसानों की मदद कर सकें।

पहला आविष्कार:
डॉ. मुज़मिल ने दिल्ली में रहते हुए सबसे पहले किसानों के लिए एक सस्ता पैडी स्ट्रॉ चॉपर बनाया था। इसके बाद शालीमार आकर उन्होंने वर्मी कंपोस्टिंग मशीन, एप्पल ग्रेडर, पैडी स्ट्रॉ चॉपर, मटर प्लांटर, चिली सीड एक्सट्रैक्टर, सोलर ऑपरेटेड कोकून ड्रायर, वेजिटेबल सीडर और मकई शेलर जैसी ढेरों मशीनें बनाई हैं।
उन्होंने कश्मीरी किसानों के लिए ख़ास एक एप्पल ग्रेडर बनाया। यह एक सस्ती मशीन है, जो साइज के हिसाब से सेबों को अलग करने का काम करती है। वहीं उन्होंने एक ऐसी मशीन भी बनाई है, जो मशरुम किसानों के भी बड़े काम की चीज़ है। यह एक ऑटोमेटिक मशीन है, जो मशरुम बैग्स में भूसी और बीज भरने का काम करती है।
इसके अलावा, हाल में वह एक ऐसी मशीन पर काम कर रहे हैं, जो मकई के अंदरी भाग को पूरी तरह से पाउडर बना सकता है। इस पाउडर का इस्तेमाल जानवरों के चारे के रूप में हो सकता है। वह कहते हैं, “पहले किसान दाने निकालकर अंदर का कोब फेंक देते थे, लेकिन अब इस मशीन के इस्तेमाल से वह इससे भी कमाई कर सकेंगे।”
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