इस फसल की तन्ने से लेकर पत्ती तक की होती है बिक्री


रघुवीर सिंह ने साल 2015 में कम पानी वाली रोज़ैल की खेती की शुरुआत की। आज रोज़ैल की खेती कर रघुवीर सिंह लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। रोज़ैल की खेती बहुत ही आसान है। इस फ़सल की बुवाई जुलाई के प्रथम सप्ताह में की जाती है। सबसे खास बात तो ये है कि इसको हर प्रकार की मिट्टी में पैदा किया जा सकता है।

हमीरपुर जिले के चिल्ली गांव के रहने वाले किसान रघुवीर सिंह संस्कृत भाषा से मास्टर्स हैं। उन्होंने आज़तक से बात करते हुए बताया कि हमारे बुंदेलखंड में पहले फसलों की लागत निकालनी मुश्किल हो जाती थी। इसके बाद जब उन्होंने उद्यान विभाग के द्वारा औषधीय फसलों के बारे में जानकारी पाई तो उन्होंने लंबे समय से चली आ रही उर्द, मूंग, तिलहन की खेती को छोड़ कर रोज़ैल की खेती करना शुरू करा।
आज बुंदेलखंड में जहां बाजार का बहुत आभाव रहता था, वो बाज़ार अब स्वयं हमारे द्वार चल कर के हमारे उत्पादन को खरीद रहा है। जहां खेती से लागत निकाल मुश्किल होता था, वहां लाखों रुपये की साल में आमदनी हो रही है।
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