ऐसे हाईटेक उपकरण जिन्होंने बदल दिया लोगों का जीवन


इंजीनियर भाइयों ने वाहनों में लगा दी गजब की टेक्नोलॉजी, जिससे लोगों का कार्य बड़े ही आसान और टेक्निकल तरीके से हो रहा है। इन्होंने बनाया ऐसा हाईटेक ठैला जो किसी मनुष्य द्वारा नहीं खींचा जाता बल्कि मोटर के माध्यम से से चलता है। वहीं बनाई एक और ऐसी मशीन जो धूल-मिट्टी, गार्बेज इत्यादि को झाड़ू जैसे साफ कर देती है। इन युग परिवर्तन करने वाले इंजीनियर की टेक्नोलॉजी यहीं नहीं रुकी, बना दी ऐसी मशीन जो नालियों और मैनहोल की सफाई अंदर तक घुसकर करती है। आये जानते हैं इन इंजीनियर से यह सभी मशीन किस प्रकार कार्य करती है।

हाईटेक ठैला:
अपने ज्ञान-विज्ञान का प्रयोग करते हुए इंजीनियर्स निम्न वर्ग के लोगों कि समस्याओं को ध्यान में रख नए-नए गैजेट्स का आविष्कार कर रहे हैं। इसी कड़ी में इन्होंने बना दिया एक ऐसा हाईटेक ठैला जिस पर करीब 80 से 100 किलो वजन रखकर चल सकते हैं। आमतौर से इस ठैले का इस्तेमाल सब्जी, फल इत्यादि बचने के लिए किया जाता है। इसमें मोटर और बैटरी लगी है, जो 4 से 5 घंटे में चार्ज होने के उपरांत 35 से 40 किलोमीटर आसानी से चल सकती है। इस ठैले में एक मूवेबल सीट है, जिसे आगे-पीछे खिसका कर चालक बैठ जाता है और वहीं से पूरे थैले को ऑपरेट कर लेता है। यह हाईटेक ठैला आगे चलने के साथ-साथ रिवर्स में भी चलता है। चारों तरफ लाइटें, हॉर्न, इंडिकेटर जैसी सभी सुविधाओं से युक्त यह ठैला वास्तव में कमाल का है। यदि कोई भाई इनसे संपर्क करना चाहे तो उनकी कंपनी का नाम एमकेबी तथा इनका मोबाइल नंबर 987 8900396 है।

रोड-स्वीपिंग, डस्ट-क्लीनर मशीन:
जहां सफाई कर्मचारियों को बड़े-बड़े सार्वजनिक स्थानों पर झाड़ू-पोछा आदि लगाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती थी, वहीं इस मशीन ने उनके जीवन में एक क्रांति-सी ला दी है। अब उन्हें झाड़ू पकड़कर जगह-जगह नहीं लगानी पड़ती, बल्कि इस मशीन पर आसानी से बैठकर, घूम-घूम कर सारे में झाड़ू लगा देते हैं। इस मशीन में सामान्यतः दो बड़े-बड़े ब्रश लगे हैं, जो डस्ट को आगे की तरफ धकेलते हैं और कचरे के बड़े टुकड़ों को पीछे एक बॉक्स में इकट्ठा कर लेते हैं। मशीन के बीच में नीचे की तरफ एक एयर फैन भी लगा है, जो बारीक डस्ट को उड़ा देता है। यह मशीन अपने अंदर 25 लीटर तक कूड़ा-डस्ट भर लेती है, जिसे आसानी से खाली भी किया जाता है। इस शानदार सी मशीन को ऑपरेट करना भी बहुत आसान है, इसमें हैंडल के पास ही बहुत सारे बटन और डिस्प्ले है। जो मुख्य रूप से स्पीड कंट्रोल, संक्शन आदि करने हेतु है। इसमें बैटरी लगी है जो 6 घंटे में चार्ज होने के उपरांत 8 घंटे का बैकअप देती है। यह मशीन 6 किलोमीटर क्षेत्रफल की 1 घंटे में सफाई कर सकती है। यदि कोई भाई उनसे संपर्क करना चाहे तो इनका मोबाइल नंबर 9810043663 पर कॉल कर सकते हैं।

नाले/गटर/सीवर की सफाई करने वाला रोबोट:
गंदे नाले सीवर में उतर कर सफाई करने वाले कर्मचारियों के लिए वरदान सिद्ध हो रही यह मशीन, जिसका नाम बैंडीकूट है। इस मशीन में लगी है एक पंजे नुमा बकेट जो नाले में करीब 30 फीट अंदर तक जाकर अच्छे से सफाई कर देती है। इसमें बहुत सारे कैमरे भी लगे हैं जो नाले के अंदर की स्थिति को बाहर लगे डिस्प्ले पर दर्शाते हैं। जिसके माध्यम से मशीन चलाने वाला व्यक्ति सुनिश्चित गार्बेज को बकेट के माध्यम से ग्रैब कर बाहर निकाल लेता है। इसमें मोटर, कंप्रेसर, जनरेटर आदि भी अटैच है। टेक्नोलॉजी से भरपूर इस मशीन में बाहर की तरफ बहुत सारे बटन विभिन्न कमांड देने के लिए लगे हैं। यह अधिकतम 30 मिनट में बड़े से बड़े नाले को साफ करने की क्षमता रखती है।

तो दोस्तों आज आपने जाना कि भारत देश किस प्रकार टेक्नोलॉजी में दिनों-दिन खूब तरक्की कर रहा है, जिन कामों को तुच्छ समझा जाता था। आज वह भी बड़े हाईटेक तरीके से बिना हाथ गंदे किए हो रहे हैं। ऐसी ही गौरवान्वित कर देने वाली जानकारी के लिए जुड़े रहे "द अमेजिंग भारत" के साथ धन्यवाद॥
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