कच्चे केलों से चिप्स तक का मुनाफेदार सफर


हजारों केलों को एक साथ छिलकर गांव में ही लगा दी ऐसी कमाल की मेगा फैक्ट्री, जिसमें मशीन जितनी लंबी बड़ी-सी कढ़ाई है, जो पानी से चलती है। ग़ज़ब और अद्भुत टेक्नोलॉजी के साथ विकसित यह फैक्ट्री बनाती है कमाल का प्रोडक्ट। यहां आलू के के साथ-साथ केले के भी चिप्स बनाए जाते हैं। जिनकी मार्केट में खूब डिमांड है तथा दूर-दूर तक सप्लाई हो रहें है। आये जानते हैं इस पूरी प्रक्रिया के बारे में किस तरह यह शानदार सा कार्य हो रहा हैं।

केले से चिप्स बनाने का प्रोसेस:
सबसे पहले खेतों से बड़ी मात्रा में कच्चे केले को मंगाया जाता है। जिन्हें छिलकर मशीन की सहायता से छोटे-छोटे चिप्स काटते हैं और एक अद्भुत तकनीक के साथ कढ़ाई में तले जाते हैं। चिप्स फ्राइड करने के लिए तेल को गैस ईंधन से डारेक्ट गर्म नहीं किया जाता बल्कि उसके लिए एक शानदार टेक्नोलॉजी युक्त प्रक्रिया। जिसमें पीछे की तरफ लगी एक भट्टी में नीचे की साइड से लकडियां लगाकर आग प्रवाहित कि जाती हैं, जिससे ऊपर पाइप में भरे पानी को तब तक गर्म किया जाता है जब तक वह भाप में ना बदल जाएं। इसमें लगे विभिन्न पाइपों की मदद से यह स्टीम सर्कुलेट होकर ऊपर लगी टंकी के चारों तरफ फैल जाती है, जिसमें तेल भरा हुआ है इस स्टीम की गर्माहट से पूरा तेल गर्म हो जाता है, जिसको कंट्रोल करने के लिए एक पूरा पैनल विकसित किया गया है। यहां टेंपरेचर कम ज्यादा करने जैसी सभी सुविधाएं है।

गर्म होने के उपरांत पाइपों की सहायता से तेल नीचे आता है, जिसे आवश्यकता अनुसार एकत्र कर लिया जाता है। और फ्राइ करने के लिए तेल को बड़ी सी कढ़ाई में भर देते हैं। जिसमें कच्चे चिप्स को 10 मिनट तक चलने के बाद यह पूर्णतया फ्राइड हो जाता हैं। इसके बाद इन्हें एक बड़ी सी छलनी में डाल देते हैं जहां इनका अतिरिक्त तेल में निचड़ जाता है। तथा फिर एक रोलर मशीन में फ्राइड चिप्स को डालकर उसमें विभिन्न फ्लेवर के मसाले ऐड कर दिए जाते हैं, जिससे उनका स्वाद बढ़ जाता है।

यह अपनी इस फैक्ट्री में तीन प्रकार के चिप्स बना रहे हैं, जिनमें राउंड शेप्ड, स्क्वायर एंड सिलैंडरिक शेप के चिप्स बनाते हैं। इनकी अलग-अलग वैरायटी को पॉलिथीन में पैक कर मार्केट में सप्लाई करने हेतु तैयार कर दिए जाते हैं। केले के साथ-साथ उपरोक्त प्रक्रिया के द्वारा ही आलू को काटकर तथा उन्हें फ्राई कर जबरदस्त स्वाद वाले आलू की चिप्स भी तैयार किए जाते हैं। दोस्तों वास्तव में यह मेगा फैक्ट्री बहुत कम लागत और कम श्रम बल से भी शुरू की जा सकती है। कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा ऐसी ही अन्य रोचक जानकारी के लिए जुड़े रहे "द अमेजिंग भारत" के साथ। धन्यवाद॥
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