किसान के जुगाड़ से बनी करोड़ों की कंपनी


बचपन से ही जुगाड़ू दिमाग के रसिकभाई रंगानी अपने पुश्तैनी खेतों में खेती किया करते थे। वह अपने भाई के साथ खेती का काम भी संभालते थे और कुछ छोटी-छोटी चीज़ें भी बनाते रहते थे।
उस दौरान बाज़ार में विदेशी ऑटोमैटिक मशीनें बहुत बिक रहीं थीं, लेकिन ये भारत में काफ़ी महंगी थीं। रसिकभाई ने देखा कि कई लोगों के पास इन्हें ख़रीदने के पैसे नहीं हैं, इसलिए उन्होंने जुगाड़ से एक आटा गूंथने की सस्ती मशीन बनाने का फैसला किया। इस काम में उनके चचेरे भाई चंदूभाई ने उनका साथ दिया जो पहले से ही राजकोट में कास्टिंग का काम किया करते थे।

उनकी बनाई मशीन आस-पास के लोगों और मशीन डीलर्स को बहुत पसंद आई और बाद में यही उनका बिज़नेस ‘नीरव फ़ूड मशीन’ बन गया।
आज रसिकभाई भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी बनाई आटा गूंथने की मशीन आज तक उनकी कंपनी का बेस्ट सेलिंग प्रोडक्ट है।
रसिकभाई के छोटे बेटे नीरव रंगानी कहते हैं, “खेती से जुड़ने से पहले मेरे पिता और उनके बड़े भाई फ्रिज बनाने का काम करते थे। लेकिन पुश्तैनी खेतों को संभालने के लिए उन्होंने खेती शुरू की। चूँकि उनके पास कास्टिंग का अच्छा ज्ञान था।
इसलिए हम भाई-बहनों के जन्म के बाद उन्हें लगा कि अपने इस ज्ञान का इस्तेमाल करके कुछ और बिज़नेस भी करना चाहिए। इसी सोच के साथ मेरे पिता ने मशीन बनाने का काम शुरू किया। वहीं मेरे बड़े पापा ने खेती संभाली। साल 2009 में जब मेरे पिता ने यह मशीन बनाई थी, तब भारत में सिर्फ़ इंदौर और कोयंबत्तूर में ऐसी मशीनें बनती थीं , जो काफ़ी महंगी भी थीं। इसलिए गुजरात में मेरे पिता की बनाई मशीन जल्द ही काफ़ी लोकप्रिय हो गई।”
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