चुनाव नजदीक, सरकार को आने लगी किसानो की याद


मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने "मुख्यमंत्री कृषि उत्पादकता योजना" के अंतर्गत कई उपायों की घोषणा की ताकि किसानों को अपने उत्पाद के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित किया जा सके ।
"इस योजना के तहत किसानों को गेहूं और धान की फसलों के लिए समर्थन मूल्य में 200 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन दिया जाएगा। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गेहूं के लिए 1,735 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया है। तो कुल मिला कर यह लगभग 2,000 रुपये प्रति क्विंटल हो जायेगा।उन्होंने कहा कि अगले साल धान पर 200 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 के रबी सीजन में 67.25 लाख मीट्रिक टन गेहूं को समर्थन मूल्य पर खरीदा गया था और 7.38 लाख किसानों को 1,340 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।इसी तरह, राज्य खरीफ 2017 को 330 करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य पर 16.5 9 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद के लिए 2.83 लाख किसानों को भुगतान करेगा ।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि ग्राम, मसूर और सरसों की फसलों को 2017-18 में भंवररत भूगण योजना और 2018-19 में प्याज को इसमें शामिल किया जाएगा ।चौहान ने किसानों के कल्याण के लिए कई उपायों की भी घोषणा की, जिसमें चंबल के खेतों को खेती योग्य भूमि में बदलने और प्रत्येक ब्लॉक में कस्टमाइज्ड प्रसंस्करण और सेवा केंद्र खोलने के लिए 1200 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा भी शामिल है, जो किसानों द्वारा चलाए जाएंगे ।
आपकी जानकारी के लिए बता दे इस वर्ष मध्य प्रदेश मैं चुनाव हैं तो इस तरह के चुनावी जुमले सरकार द्वारा देना लाजमी हैं ।एक रुख जमीनी हक़ीक़त की तरफ भी
गृह विभाग द्वारा जुटाई गयी जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में 896 किसानो ने आतमहत्या की आत्महत्या करने वालो मैं 374 खेतिहर किसान और 522 भूमिहर किसान शामिल हैं । पुलिस के आंकड़ों क अनुसार वर्ष 2017 मैं 896 किसानो ने आतमहत्या की । 2016 मैं 599 खेतिहर किसान और 694 भूमिहार किसान ने अपनी जान दी ।वर्ष 2015 मैं 577 खेतिहर किसान और 694 भूमिहार किसान ने आत्महत्या की थी ।
इस का औसत निकला जाये तो रोजाना तीन किसानो ने आत्महत्या की हैं । कई किसान फसल बर्बाद हो जाने के कारण लाखो रुपऐ के कर्जदार हो गए थे । परन्तु सरकार का दवा था की किसानो की सुरक्षा के मानक तय करने के साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाये गए थे। इस बात की सिर्फ उम्मीद की जा सकती हैं जहाँ मालया , नीरव मोदी जैसे भगोड़े को दिवालिया घोषित कर दिया जाता हैं अगर वही सरकार इस कृषि प्रधान देश मैं किसानो के हित मैं कुछ करे तो वो ज्यादा लाभदायक सिद्ध हो सकता हैं ।
शिवराज सरकार से हमारा यही सवाल हे की सारी योजनाए चुनाव के समय ही क्यों लागू हो रही हैं ???????????
Comment
Also Read

ट्रैक्टर पर सिर्फ 5
edhgmn,mngdfd

ग्लूटेन-फ्री आहार: किसके लिए ज़रूरी और क्यों?
ग्लूटेन-फ्री आहार (Gluten-Free Die

देसी ताकत का खजाना: सत्तू
गर्मी का मौसम हो या सर्दी की सुबह,

व्रत और उपवास में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ और उनका महत्व
भारत में व्रत और उपवास धार्मिक एवं

इंटरमिटेंट फास्टिंग का विज्ञान, लाभ और सावधानियाँ
इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent
Related Posts
Short Details About