ड्राेन के उपयोग से होगी खेती

27 Sep 2022 | others
ड्राेन के उपयोग से होगी खेती

यह ड्रोन न सिर्फ फसलों को स्वस्थ रखने के लिए कीटनाशक का छिड़काव भी करेगा। इससे फसल रोग मुक्त होगी और पैदावार भी बढ़ेगी। इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।

देश की कृषि व्यवस्था को स्मार्ट यानी तकनीक से जोड़ने के लिए सरकारे प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने खेती में ड्रोन के इस्तेमाल को मंजूरी दी है। उम्मीद की जा रही है कि ड्रोन के प्रयोग से खेती में आमूल- चूल परिवर्तन आएंगे। 

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ड्रोन के जरिये किसान एक एकड़ खेत में कीटनाशकों, वाटर सॉल्युबल (पानी में घुलनशील) उर्वरकों एवं पोषक तत्वों का सिर्फ सात मिनट में छिड़काव कर सकते हैं। इससे समय एवं संसाधन तो बचेगा ही, मैनुअल छिड़काव से होने वाले संबंधित व्यक्ति को जहरीले रसायनों के खतरे से मिलने वाली सुरक्षा बोनस के रूप में होगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खेतीबाड़ी की चर्चा करते हुए अक्सर इसमें अद्यतन तकनीक के प्रयोग एवं इसके प्रोत्साहन की बात करते हैं। खेतीबाड़ी में ड्रोन तकनीक ऐसी ही एक अद्यतन तकनीक है। उत्तर प्रदेश के किसान भी शीघ्र ही खेतीबाड़ी में ड्रोन का प्रयोग कर सकेंगे।

विषेषज्ञों के अनुसार पर्णीय छिड़काव (घोलकर किये जाने वाले छिड़काव) के और भी लाभ हैं अगर यह ऊपर से हो तब तो और भी। मसलन मैनुअल छिड़काव की तुलना में ऊपर से किये जाने वाले छिड़काव से खेत समान रूप से संतृप्त होता है।

जिस चीज का भी छिड़काव किया जाता है, वह पौधों में पत्तियों के जरिये ऊपर से नीचे तक जाता है। इसका असर भी बेहतर होता है। अब तो हर तरीके के पानी में घुलनशील खाद एवं पोषक तत्व भी अलग अनुपात में एक-एक किलो के पैकेट में उपलब्ध हैं। नैनो यूरिया भी उपलब्ध है।

परंपरागत रूप से खेतों में जिस खाद का किसान छिड़काव करते हैं, उसका 15 से 40 फीसद ही फसल को प्राप्त होता है। जबकि पानी के साथ छिड़के जाने वाले उर्वरक का करीब 90 फीसद तक फसल को प्राप्त होता है। इससे फसल की बढ़वार बेहतर होती है।

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