दो साल का बच्चा बना बावर्ची

01 Oct 2022 | others
दो साल का बच्चा बना बावर्ची

हालांकि, देश में कई मशहूर पुरुष शेफ हैं, बावजूद इसके कोई अपने बेटे को एक शेफ बनने के लिए कभी प्रेरित नहीं करता और कोई ऐसा करता भी है, तो ऐसे लोग बहुत ही कम हैं। लेकिन आज के दौर में कुकिंग एक बेहतरीन प्रोफेशन बन चुका है और इस क्षेत्र में लड़के हों या लड़कियां दोनों के लिए काफी संभावनाएं हैं।

जयपुर के सात साल के सभ्य गुप्ता बचपन से ही खाना बनाने के शौक़ीन हैं। अपने इंस्टाग्राम पेज mymom_taughtmethis में वह अक्सर अपना कुकिंग टैलेंट दिखाते हैं। उनके मस्ती भरे अंदाज के एक लाख से ज़्यादा फॉलोवर्स हैं।

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सोशल मीडिया भी इसका एक बेहद अच्छा माध्यम है, जिसके ज़रिए लोग अपना हुनर दुनिया के सामने ला सकते हैं। आप भी किसी रेसिपी की तैयारी करने के लिए सोशल मीडिया की मदद ही लेते हैं न? सोशल मीडिया के ऐसे ही एक जूनियर शेफ हैं, जयपुर के रहनेवाले सभ्य गुप्ता।

सभ्य, सिर्फ सात साल के हैं और कुकिंग में माहिर हैं। इस छोटी उम्र में भी उन्हें स्वाद, एरोमा सहित रसोई की सारी जानकारियां हैं। वह खुद अपने घर में आए मेहमानों के लिए पकौड़े बनाते हैं।

सबसे अच्छी बात तो यह है कि उनके इस शौक़ को आगे बढ़ाने के लिए उनकी माँ डॉ. रुचिका गुप्ता उनकी काफी मदद करती हैं। रुचिका कहती हैं, “अगर मैं मुंबई या किसी और बड़ी सिटी में रहती, तो अब तक अपने बेटे का एडमिशन कुकिंग क्लॉस में करा चुकी होती।

हालांकि, सभ्य आगे चलकर इसे अपना प्रोफेशन बनाएगा या नहीं यह तो मुझे नहीं पता, लेकिन फ़िलहाल उसे कुकिंग में इतनी रुचि है कि वह मुझसे भी ज़्यादा समय तक किचन में रहता है और मुझसे भी अच्छा खाना बनाता है।”

नौ महीने कि छोटी उम्र में ही था कुकर से खेलने का शौक़:

रुचिका ने बताया कि जब सभ्य सिर्फ नौ महीने का था, तभी से उसे कुकिंग और रसोई के बरतनों में रुचि थी। उसे किसी खिलौने से अधिक प्रेशर कुकर और बड़ी-बड़ी कढ़ाई से खेलने में मज़ा आता था।

वह बताती हैं, “बचपन में हर बच्चा किसी विशेष आवाज़ से खुश होता है। सभ्य जब सिर्फ नौ महीने का था तब से वह कुकर की सिटी बजने पर खुश हो जाया करता था। फिर धीरे-धीरे वह इसकी नकल करने लगा। जब उसने चलना सीखा, तब वह मेरी रसोई से सारे बर्तन लेकर खेलने लगता था। उससे कुकर वापस लेने के लिए मुझे काफी मिन्नतें करनी पड़ती थीं।”

उन्होंने बताया कि थोड़ा बड़ा होने पर वह किचन में छोटे-छोटे काम भी करने लगा। दो साल की उम्र तक तो सभ्य कढ़ी के लिए मिक्स्चर, सैंडविच जैसी चीजें बनाने लगा था। रुचिका कहती हैं, “हमारे परिवार और रिश्तेदारों में सबको पता था कि सभ्य को किचन में काम करना पसंद है, इसलिए सभी उसे किचन सेट गिफ्ट भी करते थे।”

हालांकि कुछ ऐसे लोग भी थे, जिन्होंने रुचिका को इस बात का ताना भी मारा कि बेटे को हलवाई बनाना है क्या? लेकिन ऐसी बातों को दरकिनार करते हुए रुचिका ने सिर्फ अपने बेटे के शौक़ की ओर ध्यान दिया।

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