धान की इन नई किस्मो से होगी पैदावार दोगुनी


क्या हैं इन नई बासमती किस्मों की विशेषताएं और लाभ?
कृषि वैज्ञानिकों ने बासमति चावल की तीन नई किस्में विकसित की है। इन किस्मों को लेकर कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि ये कम समय में तैयार होगी और उत्पादन भी अधिक देगी। बहरहाल ये किस्म विशेष कर जम्मू के किसानों के लिए विकसित की गई हैं। बताया जा रहा है कि ये किस्म देश के अन्य क्षेत्रों में भी सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है। दरअसल जम्मू और सांबा जिलों में किसान पिछले कई सालों से बासमती 370 किस्म की खेती करते आ रहे हैं, लेकिन उन्हें बेहतर उत्पादन नहीं मिल पा रहा है। इसे देखते हुए शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने बासमती की तीन किस्में विकसित की है। बताया जा रहा है कि इसकी गुणवत्ता बासमति 370 की तरह है लेकिन उत्पादन उससे काफी ज्यादा है। बता दें कि जम्मू के कठुआ, जम्मू और सांबा में बासमती की खेती होती है।
वैज्ञानिकों ने विकसित की ये नई तीन किस्में:-
शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय, जम्मू के शोध विभाग के निदेशक डॉ. जगपाल द्वारा मीडिया को बताए अनुसार कई साल के रिसर्च के बाद बासमती की तीन नई किस्में, जम्मू बासमती 143, जम्मू बासमती 118 और जम्मू बासमती 123 विकसित की गई हैं। जिनकी गुणवत्ता तो 370 की तरह ही लेकिन उत्पादन बहुत ज्यादा मिलता है। यहां पर हर एक किसान धान का बीज अपने घर पर रखता है, जो सदियों से चला आ रहा है, इसलिए हमने उन्हीं किसानों से 143 अलग-अलग तरह के धान के बीज इकट्ठा किए, जिनसे हम ये तीन नई किस्में विकसित कर पाएं हैं। बासमती 370 बहुत अच्छी किस्म है, लेकिन कुछ कमियां थीं, जिसकी वजह से हमें नई किस्में विकसित करनी पड़ी।
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