पीवीसी पाइप में तैयार करे गार्डन

16 Sep 2022 | others
पीवीसी पाइप में तैयार करे गार्डन

ऐसे में दिल्ली के एक परिवार ने अपने फ्लैट की छत पर एक बगीचा तैयार कर सब्जियां उगानी शुरू कर दी हैं। उनहोंने कम जगह में पीवीसी पाइप का इस्तेमाल कर अपनी छत पर ही गार्डनिंग करना शुरू कर दिया है जो उनके लिए काफी मुनाफेदायक भी है।

शहर में जगह और समय की कमी की वजह से जो लोग चाहते हुए भी सब्जियां नहीं उगा पा रहे, उनकी मदद कर रहा है मिथिलेश का स्टार्टअप ‘वेज रूफ’। चलिए जानते हैं कैसे एक इंजीनियर ने शुरू किया शहर में खेती करना।

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ऐसे में गांव से शहर नौकरी के सिलसिले में आए, 38 वर्षीय मिथिलेश कुमार सिंह ने सब्जियां उगाने से एक बिज़नेस आईडिया भी खोज लिया। वह ‘वेज रूफ’ नाम से एक यूट्यूब चैनल और एक पोर्टल चला रहे हैं, जिनके ज़रिए शहरी लोगों को आसानी से घर में सब्जियां उगाना सिखाते हैं।

वह पीवीसी पाइप में सब्जियां उगाते हैं और इसे शहर में गार्डनिंग के लिए बढ़ियां तरीक़ा बताते हैं। वह कहते हैं, “शहर के लोगों को ज़हर से मुक्ति दिलाना ही मेरा मक़सद है। मैंने खुद शहर में रहकर जाना कि यहां के लोगों को ऑर्गेनिक सब्जियां मिल पाना बहुत बड़ी चुनौती है।”

बचपन से रहा है किसानी से नाता:

बलिया (उत्तर प्रदेश) के रहनेवाले मिथिलेश के पिता आर्मी में काम करते थे, लेकिन उनके घर में पारंपरिक खेती सालों से होती आ रही है। एक जॉइंट फैमिली में रहते हुए, उनका आधा बचपन खेतों में ही बीता। इसके बाद उन्हें आज़मगढ़ के हॉस्टल में पढ़ाई के लिए भेज दिया गया। उन्होंने 2007 में, जौनपुर से कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।

वह बताते हैं, “पढ़ाई के बाद दूसरे सभी लड़कों की तरह मैं भी नौकरी की तलाश में दिल्ली आ गया। लेकिन नौकरी मिलना इतना आसान नहीं था, इसलिए मैंने खुद की वेबसाइट डिज़ाइनिंग की कंपनी शुरू की। मुझे लिखने का भी शौक़ था इसलिए मैं अलग-अलग पोर्टल के लिए लिखता भी रहता था।”

उन्होंने एक इंटरनैशनल मीडिया कंटेंट कंपनी में हिंदी कंटेंट हेड के रूप में काम भी किया। अब बड़े शहर में रहते हुए खेती और ताज़ी सब्जियां, दोनों की कमी उनको अपनी ज़िंदगी में महसूस होने लगी थी।

लोकडाउन ने फिर जोड़ा दिया खेती से:

मिथिलेश और उनकी पत्नी विंध्यवासिनी सिंह, दिल्ली में रहते हुए अपने फ्लैट की छत पर कुछ सजावटी पौधे हमेशा से उगा रहे थे। वह बताते हैं, “हम अपने अपार्टमेंट की सबसे ऊपरी मंज़िल में रहते हैं इसलिए छत का इस्तेमाल आराम से कर सकते हैं। मेरी पत्नी ने वहां कुछ फूलों के पौधे लगाए थे और हम अक्सर वॉक के लिए भी छत पर जाते थे।”

कोरोना के समय, एक दिन अपनी छत पर वॉक करते हुए ही उन्हें सब्जियां उगाने का ख़्याल आया। लेकिन दिल्ली में कोरोना के डर से उन्हें परिवार सहित गाँव वापस जाना पड़ा। इस तरह उनके सब्जियां उगाने के प्लान में ब्रेक लग गया।

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