पुराने समय की हैरान कर देने वाली तकनीकी धरोहरें


भारत देश प्राचीन समय से ही उच्च तकनीकों से युक्त रहा है, जो बड़े ही आकर्षक एवं अद्भुत उपकरणों का प्रयोग करता रहा है। उनके इन सभी सबूत को संजोये हुए हैं ये शख्स जिसने भारत की अनेकों विरासतों को अपने शोरूम में सजा कर रखा है। जिन्हें देखकर हमें अपने पूर्वजों तथा प्राचीन समय की जानकारी मिलती है और गर्व होता है कि इतने समय पहले भी वे लोग कितनी मशक्कत से ऐसे एंटीक उपकरण बनाते होंगे तथा किस प्रकार उनका प्रयोग करते होंगे तो आये जानते हैं ऐसा कमाल का शौक रखने वाले जयपुर राजस्थान से विनय शर्मा जी से

सदियों पुराने ऐसे शानदार कमाल के यंत्र, उपकरण और बहुत सी चीज जिन्हें विनय शर्मा जी ने पता नहीं कहां-कहां से इकट्ठा किया है। उनके पास पुराने राजा महाराजाओं के समय के उपकरण, उस समय के मापक यंत्र बट्टे,सिलबट्टे, घड़ियां तथा इसके अलावा वैदिक काल से सम्बन्धित कुछ पांडुलिपियों भी हैं। 19वीं सदी के एक पलंग जितने बड़े-बड़े कैमरे भी इन्होंने अपने शोरूम में रखे हुए हैं जिन्हें देखकर लगता है कि उस समय कोई भी कार्य करना कितना चुनौती भरा होता था। निम्नवत है उस समय के कुछ अनोखे यंत्र।
जादुई गिलास: एक ऐसा पीतल धातु का गिलास जिसे प्राचीन समय में लोग यात्राओं के समय इस्तेमाल करते थे। जो फोल्ड होकर एक छोटे से आकर का बन जाता है तथा खोलने पर पूरा बड़ा गिलास इसकी खास बात यह है कि ये फोल्ड ग्लास होते हुए भी इसमें से पानी लीक नहीं होता।
प्राचीन रूप में ग्रंथ: 16वीं शताब्दी के प्राचीन ग्रंथ भी उसे समय के कागज और लिखाई में उनके पास मौजूद है।
सबसे पुराना प्रोजेक्टर: 1950 के दशक का एक ऐसा अद्भुत प्रोजेक्टर जिसमें कोई भी फिल्म रखने पर वह पर्दे पर संचालित हो जाती थी।
कमाल का स्टोव: एक ऐसा चूल्हा स्टोव जो केरोसिन तेल से संचालित होता था और वह बिल्कुल चूल्हे नुमा है। जिस पर खाना बनाते थे।
करोड़ों साल पुराना घोंघा: भारत के ही जैसलमेर मरुस्थल जैसे क्षेत्र जो पहले कभी हरे-भरे क्षेत्र हुआ करते थे। वहां से प्राप्त किया हुआ एक करोड़ों साल पुराना घोंघा भी अद्भुत है।

प्राचीन मापक यंत्र: पुराने समय की तराजू और बाट जिससे वस्तुओं को सेर, छटांक आदि इकाइयों में मापते थे। ये भी उनके पास इस स्टूडियो में उपलब्ध है।
ब्रिटिश कालीन चरखा, विभिन्न देशों की अद्भुत प्रकार की लालटेन, रंगोली बनाने वाले उपकरण, पुरानी घड़ियां, सवैया बनाने का यंत्र और भी सैकड़ो ऐसे छोटे-छोटे एंटीक उपकरण इनके पास संग्रहित है।
19वीं साड़ी के अद्भुत कैमरे: विनय जी ने अपने इस संग्रहालय में विभिन्न प्रकार के 1920-30 के बक्से-अलमिरा जितने बड़े-बड़े कैमरे भी संजो कर रखे हैं, जिन्हें देखकर आज की पीढ़ी आश्चर्यचकित हो जाती है। इस कैमरे के सामने खड़े होने पर करीब 5 से 7 मिनट में फोटो बनाकर तैयार हो जाता था। उस समय एक फोटो की कीमत चार आने से शुरू होकर एक रुपए तक होती थी। इन कैमरों को प्लेट कैमरा, बॉक्स कैमरा आदि नाम से जाना जाता था।
वास्तव में विनय जी बधाई के पात्र है जिन्होंने ऐसी दुर्लभ वस्तुओं को संजो कर रखा है। जिन्हें देखकर आज की पीढ़ी प्रेरित होती है और गर्व महसूस करती है कि हम कहां से कहां आ गए हैं। ये सब धरोहर हमें पुराने समय की याद दिलाती है। अगर कोई भी पाठक इनसे संपर्क करना चाहे तो अतीत राज स्टूडियो जयपुर राजस्थान में जा कर देख सकते हैं। धन्यवाद॥
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