पुराने समय के लग्जरियस उपकरण


सैकड़ो साल पुराने लग्जरियस उपकरण जो प्राचीन विज्ञान पर कार्य करते हैं। अपनी उपयोगिता और टेक्नोलॉजी के दम पर आज भी लोगों को अपनी और आकर्षित किए हुए हैं, इन यंत्रों को लोग दूर-दूर से इस म्यूजियम में देखने आते हैं और नई जनरेशन को पुराने विज्ञान के बारे में बता कर गौरवान्वित महसूस करते हैं। इनमें मुख्य रूप से प्राचीन वॉटर हिटर, ओवन, विभिन्न प्रकार के होरन, 1935 की इनवर्टर बैट्री, ड्रेसिंग टेबल, अनोखा सायरन, सवैया-पास्ता तथा छाछ बनाने की अनोखी मशीनें। आये जानते हैं इन सभी पुराने यंत्रों के विज्ञान को यह किस प्रकार कार्य करते हैं।

कोयले से चलने वाला वाटर हीटर:
प्राचीन समय भी में भी इन सभी सुख-सुविधाओं का लोग आनंद लेते थे, बस उनको करने का तरीका थोड़ा-सा अलग और पेचीदा था। पुराने जमाने का यह वॉटर हिटर तांबे या कॉपर का बना हुआ है, जो अंदर से दो परतों में डिवाइड है, बाहर वाली परत में चारों तरफ धधकते कोयल भरे जाते हैं तथा बीच वाले पार्ट में जल भरा जाता है और ऊपर की तरफ एक छोटी-सी चिमनी भी लगी है। इस मेकैनिज्म से केतली में जल डालने पर मात्र 1 मिनट में ही गर्म हो जाता था।

विभिन्न प्रकार के होरन:
साइकिल गाड़ी जहाज मोटरसाइकिल रेलवे स्टेशन आदि के लिए भिन्न-भिन्न फ्रीक्वेंसी वाले हॉर्न इस गज़ब के म्यूजियम में स्टोर किए हुए हैं। बिना किसी इलेक्ट्रिक या बैटरी करंट के कार्य करते हैं और तेज ध्वनि के साथ आवाज उत्पन्न होती है। एयर प्रेशर मेकैनिज्म से चलने वाले सायरन और चेतावनी सूचक यंत्र भी काफी कमाल के और अद्भुत लगते हैं।

100 साल पुराना ओवन:
विकिरण द्वारा खाना गरम रखने या करने के लिए एक आयताकार बक्से की शेप में यह ओवन नीचे लगे दो स्टोव की मदद से चलता था। यह एक विशेष प्रकार की धातु से बना है, जो बहुत ही जल्दी गर्म होता था और अंदर की तपन या गर्मी को भीतर ही रोके रखता था।

1935 की बैटरी:
10 सैलों का प्रयोग कर बनाई गई यह 10 वोल्ट की बैटरी भी अपने आप में एक रोचक यंत्र है, जो सेल खराब हो जाने पर आसानी से रिपेयर भी हो जाती थी और बहुत उपयोगी थी। इसी के अपडटेशन से वर्तमान की बैटरियां विकसित हुई है।

विचित्र सायरन:
एक ऐसा अनोखा सायरन जिसके एक निश्चित दिशा में घूमने से बहुत तेज ध्वनि निकलती है, जो बहुत दूर तक लोगों को सचेत कर देती थी। पुराने समय में यह राजा-महाराजाओं के दरबार में बहुत ही उपयोगी यंत्र माना जाता था। इसमें 6 छोटी-छोटी पंखुड़ी लगी है, जो खुलने और बंद होने पर विशेष ध्वनि का निर्माण करती है।

घरेलू उपकरण:
इस म्यूजियम में सैकड़ों प्रकार के अद्भुत उपकरण सुरक्षित रखे हुए हैं। जिनमें अद्भुत धातु से निर्मित सवैया-पास्ता बनाने के यंत्र भी शामिल है। इसके अलावा पीतल की हांडी और लकड़ी के शानदार स्ट्रक्चर से निर्मित छाछ बनाने का यंत्र भी लोगों को प्रभावित करता है। दोस्तों अपने देखें विभिन्न प्रकार के घरेलू और राज दरबारों में प्रयोग होने वाले यंत्र। जो आज की पीढ़ी को पुराने लोगों के समृद्ध और विकासशील होने का बोध कराते हैं। यदि कोई भाई इनसे संपर्क करना चाहे तो इनका यह म्यूजियम Vikram Pendse Cycles Private Museum के नाम से पुणे महाराष्ट्र में स्थित है। इसी प्रकार की अन्य जानकारी के लिए जुड़े रहे "द अमेजिंग भारत" के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद॥
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