फसल बेचने के 3 माह के बाद भी पेमेंट के लिए भटक रहे हैं राजस्थान के 47 हजार किसान

28 Mar 2018 | others
फसल बेचने के 3 माह के बाद भी पेमेंट के लिए भटक रहे हैं राजस्थान के 47 हजार किसान


भुगतान के लिए किसानों को बैंकों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। प्रदेश के 47 हजार 583 किसान हैं, जिन्हें 471 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना है। अक्टूबर से जनवरी तक चली खरीद में मूंग के साथ ही उड़द, सोयाबीन व मूंगफली की खरीद हुई थी। राजफैड ने इसके लिए 169 स्थानों पर कांटे लगाए थे।


बंपर फसल, लगाए थे 87 कांटे

बम्पर फसल देखते हुए 17 जिलों में केवल मूंग के लिए 87 कांटे लगाए गए थे। सरकार ने मूंग के लिए समर्थन मूल्य 5575 रुपए तय किया। प्रत्येक किसान से खरीद की अधिकतम सीमा 25 क्विंटल तय की थी। करीब चार माह चली खरीद में दो लाख 62 हजार मैट्रिक टन मूंग खरीदा गया।


किसानों के खाते में नहीं पहुंचे रुपए

सरकार ने पहली बार भुगतान के लिए नई व्यवस्था की है। खरीद होने के बाद भुगतान सीधे किसान के खाते में देने का वादा किया था। हालांकि यह वादा अभी पूरा नहीं हुआ। हजारों किसानों के खाते में अभी उनकी फसल का भुगतान नहीं पहुंचा है। किसान लगातार खरीद केन्द्र के साथ राजफैड के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं, क्योंकि खरीद राजफैड करता है।


केंद्र सरकार से पैसा आना है

अधिकारियों का कहना है कि किसानों के भुगतान के लिए आर्थिक मदद केन्द्र करता है। केन्द्र की ओर से नेफेड राजफैड को बजट उपलब्ध कराता है। अभी 1146 करोड़ रुपए आने बाकी हैं। इनमें से 471 करोड़ रुपए किसानों को देने हैं।


किसानों ने बताई पीड़ा

श्रीगंगानगर के 10 बीएनडब्ल्यू निवासी भारमल ने राजफैड के खरीद केन्द्र पर 25 क्विंटल मूंग बेचा था। उसका भुगतान आज तक बैंक खात में नहीं आया। वह राजफैड और बैंक के चक्कर लगा रहा है। इसी तरह गंगानगर के ही लालगढ़ जाटान निवानी सुभाष चंद्र ने 10 जनवरी को मूंग बेचा था उसका भी भुगतान खाते में नहीं आया। डेगाना के मिठारिया गांव निवासी पांची देवी ने मूंग की फसल 20 जनवरी को राजफैड के केन्द्र पर बेची भी, लेकिन भुगतान आज तक नहीं हुआ।



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