भारत का पहला डिजिटल गांव


माना जाता है कि गांव में बदलाव बहुत धीमे गति से होता है लेकिन तकनीक बहुत कुछ बदल देती है, लोगों के रहन-सहन से लेकर उनके देखने और सोचने का तरीका, सबकुछ बदल देती है तकनीक।अहमदाबाद से 100 किमी दूर अकोदरा गांव में हुए बदलाव को देख तकनीक की ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।अकोदरा देश का पहला पूरी तरह से डिजिटल गांव है।
गुजरात के सबरकांत जिले में है अकोदरा गांव। यह देश का पहला डिजिटल गांव है। इस गांव की आबादी लगभग 1200 लोगों की है, यहां लगभग 250 घर हैं। यहां के लोग सभी कार्यो के लिए कैशलेस सिस्टम का उपयोग करते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां पर SMS, नेट बैंकिंग या डेबिट कार्ड के डिजिटल तरीके से कैश का ट्रांजक्शन होता है। इस गांव को ICICI बैंक ने डिजिटल विलेज प्रोजेक्ट के तहत 2015 में एडोप्ट किया था। इसी के तहत यहां कैशलेस तकनीक को बढ़ावा दिया।
बिना पर्स के जाती हैं महिलाएं दूध लेने:-
महिलाओं को दूध या सब्जी खरीदने के लिए साथ में पर्स नहीं ले जाना पड़ता है। डेरी में दूध जमा करना हो या फिर किसानों को अपनी पैदावार बेचनी हो, पैसे के लेन-देन के लिए उन्हें इंतजार नहीं करना पड़ता है। तुरंत ही अकाउंट से अमाउंट ट्रांसफर हो जाता है। पान की दुकान पर भी मोबाइल बैंकिंग और वाई-फाई नेटवर्क है।

यह तस्वीर है, देश के पहले डिजिटल गांव अकोदरा की। गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर उप जिले में यह गांव है। गांव के हरेक परिवार को एटीएम कार्ड और मोबाइल बैंकिंग से जोड़ा गया है। आईसीआईसीआई बैंक ने इस गांव को गोद ले लिया है और इसे पूरी तरह डिजिटल बना दिया है।
मिल चुका है ऐनिमल हॉस्टल का दर्जा:-
अकोदरा गांव अहमदाबाद शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। इस गांव में कुल 200 घर हैं और यहां की आबादी लगभग 1200 है। कृषि और पशुपालन इस गांव के लोगों का मुख्य पेशा है। इस गांव को पहले से ही देश के पहले ऐनिमल हॉस्टल का दर्जा मिल चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तभी इसका लोकार्पण किया गया था।
5 रुपए से ज्यादा का पेमेंट नहीं होता कैश में:-

अकोदरा के सफल प्रयोग के बाद डिजिटल इंडिया का सपना और अधिक विश्वसनीय लगने लगा है क्योंकि ऐसा माना जाता था की गांव डिजिटल इंडिया के राह में सबसे बड़ी चुनौती होंगे। आज अकोदरा गांव में लोग 5 रुपये से ज्यादा के ट्रांजेक्शन मोबाइल या फिर कार्ड से करते हैं। चाहे गांव का बाजार हो या मंडी अब लोगों ने कैश का इस्तेमाल बंद कर दिया है।
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