मच्छर ही खत्म करेंगे बीमार करने वाले मच्छरों की नस्ल

12 May 2021 | others
मच्छर ही खत्म करेंगे बीमार करने वाले मच्छरों की नस्ल

तो अमेरिका का प्लान ये है कि वह फ्लोरिडा में अगले एक साल में चरणबद्ध तरीके से 75 करोड़ जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छर छोड़ने की तैयारी है। जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छरों को छोड़ने के इस प्रोजेक्ट को पिछले साल अगस्त में अमेरिकी सरकार से अनुमति मिल चुकी थी।

मच्छर ही खत्म करेंगे बीमार करने वाले मच्छरों की नस्ल _5860


जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छर ऐसे हैं कि इनके ऊपर किसी भी बीमारी का बैक्टीरिया, वायरस या पैथोजेन असर नहीं करता। इस लिए जब ये सामान्य मच्छरों के साथ संबंध बनाएंगे तो आने वाली मच्छरों की नस्लें भी इनके जीन लेकर पैदा होंगी। बस वो भी बीमारियां फैलाने में नाकाम हो जाएंगे, क्योंकि उनके शरीर में वो जींस होंगे जो बैक्टीरिया, वायरस को दूर रखेंगे।


जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छरों को छोड़ने से भविष्य में कीटनाशकों का खर्च बचेगा। ये मच्छर खासतौर से एडीस एजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छरों की नस्ल को खत्म करेंगे।एडीस एजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छरों की वजह से ही इंसानों में डेंगू ,जीका वायरस और यलो फीवर फैलता है।


फिलहाल ये पायलट प्रोजेक्ट फ्लोरिडा कीज में शुरू किया जाएगा। यहां पर इस साल अब तक 47 लोग डेंगू की वजह से बीमार पड़ चुके हैं। इसे रोकने के लिए यह प्रोजेक्ट कितना कारगर होगा ये तो समय बताएगा, लेकिन इस काम के लिए अमेरिकी सरकार ने ब्रिटेन में स्थित अमेरिकी कंपनी से समझौता किया है।

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इस कंपनी का नाम है ऑक्सीटेक (Oxitech). इसे इस काम के लिए अमरेकी पर्यावरण एजेंसी से भी हरी झंडी मिल चुकी है। ऑक्सीटेक जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छरों को पैदा करती है। यह ऐसे नर एडीस एजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छर पैदा करेगी जो किसी तरह की बीमारी फैला नहीं पाएंगे। इन मच्छरों को OX5034 नाम दिया गया है।


ये जेनेटिकली मॉडिफाइड नर एडीस एजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छर जब छोड़े जाएंगे तो ये मादा एडीस मच्छरों से संबंध बनाएंगे। ऐसे में इनके शरीर से एक खास तरह का प्रोटीन मादा एडीस मच्छरों में जाएगा। जिससे आगे पैदा होने वाली मच्छरों की नस्लें बीमारी पैदा नहीं कर पाएंगी।


मादा एडीस मच्छर जब अपने अंडों को बड़ा कर रही होती हैं, तब वे खून पीना शुरू करती हैं। लेकिन नर मच्छर फूलों का पराग खाता है। नर मच्छर किसी तरह की बीमारी भी लेकर नहीं घूमता. ये काम मादा मच्छर का होता है। लेकिन जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छरों से संबंध बनाने के बाद मादा एडीस जो अंडे देगी उसमें से जेनेटिकली मॉडिफाइड मच्छर ही पैदा होंगे।


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