मटके और मिट्टी से कमाल


मिट्टी से जुड़े किसान के बेटे ने मिट्टी और करवे से ही बना डाला कमाल का ऐसा टेक्सचर, जो भीषण गर्मी में भी कमरे को ठंडा बनाये रखता है तथा सर्दियों में तापमान को नियंत्रित कर लेता है। देखने में एकदम शानदार और यूनिक लगने वाला यह तरीका आर्किटेक्चर कृष्णा जी के दिमाग की उपज है। इन्होंने छतों में करवे लगा रखे हैं तथा दीवार पर चिकनी मिट्टी गोबर चूना आदि मिलाकर बना रखा है सुंदर डिजाइनर टेक्सचर। इसी के साथ ये बनाते हैं कितने प्रकार की इको वॉल। तो आये जानते हैं, ये किस प्रकार बनाते है अनोखी प्राकृतिक वास्तुकला-

सबसे पहले यह लोकेशन और प्लेस को देखकर हाथों से पेपर पर अनुकूल डिजाइन तैयार करते हैं। इनका मानना है की क्रिएटिविटी हाथों के प्रयोग से ही आती है। हाथों से डिजाइन तैयार करने के बाद करते हैं सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल और बना देते है अनोखे डिज़ाइन।
इको वॉल:
इसे मिट्टी की विशेष आकर की चिलम से बनाया जाता है। इन चिलमों को एक-दूसरे के ऊपर रखकर पाइपनुमा लंबवत डंडा बनाते हैं। चिलमों में चारों तरफ छोटे-छोटे छिद्र होते हैं, जिसमें बरनौली की प्रमेय के सिद्धांत के आधार पर हवा भरती है और ठंडी होकर बाहर निकलती है। इसी प्रकार कितने सारे लंबवत डंडे बनाते चले जाते हैं और एक जाली नुमा दीवार बनकर तैयार हो जाती है। फिर इसमें ऊपर चिलमों के अंदर पानी का पाइप जोड़ देते हैं। जिसमें से पानी छनकर नीचे गिरता है और बेहद ठंडी हवा आती है। चिलमों की दीवार के नीचे सुंदर नाली बना देते हैं, जिसमें पानी आकर गिरता है और इस पानी में मछली, कछुए आदि छोड देते हैं जिससे इसकी सुंदरता कई गुना बढ़ जाती हैं।

दीवारों पर गोबर-मिट्टी का लेप:
इन्होंने अपने ऑफिस की दीवार पर एक विशेष प्रकार की मिट्टी का लेप किया हुआ है, जो बेहद ही प्राकृतिक और सुखद अनुभूति कराता है। इस लेप के लिए इन्होंने सबसे पहले दीवार पर चिकनी मिट्टी का पेस्ट किया। उसके बाद मिट्टी में गोबर, चूना मिलाकर पेस्ट बना लिया। और इससे दीवार पर करीब 2 इंच मोटी परत चढ़ा दी। सूखकर यह दीवार बहुत शानदार बन जाती है तथा गर्मी के दिनों में इस पर पानी का स्प्रे भी कर देते हैं, जिसे मिट्टी की बेहद भीनी-भीनी सुगंधित खुशबू आती है।

छत में ऊपर मटके लगाने का लॉजिक:
इन्होंने छत में करीब 100 से अधिक मटके अंदर की तरफ लगा रखे हैं, जो देखने में तो यूनिक लगते ही है साथ में कमरे को भी ठंडा बनाये रखते हैं। यह ऐसे कमरे के लिए बहुत ही उपयोगी है जिसके ऊपर कुछ नहीं बना, अर्थात जिस छत पर सूर्य की सीधी गर्मी आती है। उस छत में इसका प्रयोग करें तो कमरा तप्ता नहीं है।
वर्तमान की आधुनिकता के दौर में लोग फिर से पुरानी देसी कला की तरफ आकर्षित हो रहे है। वे उन्हें अपने ऑफिस या कार्य स्थल में मॉडल की तरह प्रदर्शित करना चाहते हैं। जो आजकल काफी ट्रेडिंग में है। तो दोस्तों आप भी अपना सकते हैं इन भाई की तरह यह तरीका। धन्यवाद॥
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