मिजोरम को मिलेगा पहला कृषि केंद्र


मिजोरम के तथ्य
मिजोरम दो शब्द मिज़ो और राम से मिलकर बना हैं "मिजो " का अर्थ हैं मूल निवासियों के नाम, और "राम ", जिसका अर्थ है भूमि, और इस प्रकार मिजोरम का अर्थ है मिजो की भूमि । मिजोरम सात बहनें राज्यों में से एक राज्यों में से एक है ।यह भारत के २३वे राज्य के रूप में 20 फेब्रुअरी 1987 को सम्मिलित हुआ ।
2011 की जनगणना के अनुसार मिजोरम की जनसंख्या 10910414 है । उत्तर पूर्व क्षेत्र में फल उत्पादन मैं कुल 12% मिजोरम मैं होता हैं । मिजोरम के महत्वपूर्ण फलों की फसलें नारंगी, पैशन फल, अंगूर, अनानास, पपीता, केला आदि हैं ।
राज्य की कामकाजी आबादी का 55% से 60% हिस्सा कृषि पर तैनात है। सकल राज्य घरेलू उत्पाद में सेक्टर का योगदान 1994 में 30% था, जो 2009 में सिर्फ 14% रह गया था अन्य क्षेत्रों के आर्थिक विकास के कारण। मिजोरम में कृषि परंपरागत रूप से एक निर्वाह व्यवसाय है। यह एक के परिवार के लिए खाना बनाने के साधन के रूप में देखा जाता है, वाणिज्य, विकास और समृद्धि की संभावना को अनदेखा किया जा रहा है। चावल मिजोरम में उत्पादन की सकल मूल्य के कारण सबसे बड़ी फसल बनी हुई है। फलों को दूसरे सबसे बड़े श्रेणी के रूप में विकसित किया जाता है, इसके बाद मसालों और मसाले उगाये जाते हैं।
पहला कृषि केंद्र
इसराइली राजदूत ने जानकारी दी कि इसराइली विशेषज्ञता के सहयोग से कृषि के लिए एक केंद्र का इस वर्ष सात मार्च को मिजोरम में उद्घाटन होने जा रहा है । यह पुरे नार्थ ईस्ट क्षेत्र में इस तरह का पहला सेंटर होगा । इसे बनाने मैं कुल लागत करीब 8 करोड़ होगी । यह केंद्र विशेष रूप से खट्टे फलों के प्रसंस्करण के लिए है । इजरायल केंद्र की स्थापना के लिए विशेषज्ञता ज्ञान और पेशेवर समर्थन प्रदान करेगा ।
भारत में 22 ऐसे ऑपरेशनल सेंटर हैं. पहला केंद्र 2008 में हरियाणा में उद्घाटित हुआ है । इजरायल बाकि बचे भारतीय राज्यों में ऐसे केंद्र स्थापित करने में भारत की मदद करेगा । यह भारतीय कृषि मैं एक महतवपूर्ण कदम सिद्ध हो सकता है ।
इसे केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, इजरायल सरकार और मिजोरम सरकार के त्रिपक्षीय सहयोग से स्थापित किया गया है ।
निष्कर्ष
इससे लंबे समय में उत्तर पूर्वी क्षेत्र के किसानों को लाभ मिलेगा और अन्य क्षेत्रों से भी किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा । इससे उत्तर पूर्व क्षेत्र के किसानो कृषि से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी । यह भारतीय उप महाद्वीप के अंय देशों के लिए सीखने के रूप में काम करेगा । यह नवाचार के क्षेत्र में उत्तर पूर्व के लोगों को लाभ होगा, विशेष रूप से स्टार्ट अप के लिए ।
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