यह 10वीं पास किसान ऑर्गेनिक फार्मिंग से कमा रहे लाखों


आज भारत में कई किसान बागवानी फसलों की खेती के साथ नवाचारों को अपनाकर देश-विदेश में नाम कमा रहे हैं। इन किसानों को बागवानी फसलों से अच्छा मुनाफा तो हो ही रहा है, साथ इससे दूसरे किसानों को भी कुछ नया करने की प्रेरणा मिल रही है। यही कारण है कि अब ज्यादातर किसान पारंपरिक फसलों की जगह फल, सब्जी, मसाले और औषधीय फसलों के साथ-साथ सूखे मेवों की खेती में जुट गए हैं।
कुछ किसानों ने तो जैविक विधि से फलों की बागवानी करके नया कीर्तिमान स्थापित किया है। ऐसे ही किसानों की सूची में अब राजस्थान के केहराराम चौधरी का नाम भी जुड़ चुका है, जिन्होंने 7 हेक्टेयर में खजूर और अनार की जैविक खेती के जरिये किफायती खर्च में काफी अच्छा मुनाफा कमाया है। आज राज्य के कई किसान इनके खेतों को देखने दूर-दूर से आते हैं।

टेलीविजन से आया आईडिया:
केहराराम चौधरी राजस्थान के जालौर जिले स्थित दाता गांव में जैविक खेती करते हैं। साल 2012 में केहरा राम चौधरी ने एक टीवी कार्यक्रम से प्रेरित होकर खजूर की खेती करने का मन बनाया। इसके लिए गुजरात के भुज में जाकर विशेषज्ञों से जानकारी हासिल की, जहां इजराइली तकनीक से खजूर का उत्पादन लिया जा रहा है।
बस फिर क्या तुरंत उसी समय केहराराम चौधरी ने बरी किस्म के खजूर के 312 पौधों का ऑर्डर दिया और ढ़ाई साल बाद पौधों की सप्लाई होते ही 2 हेक्टेयर खेत में खजूर की जैविक खेती शुरू कर दी। इससे पहले ही केहरा राम चौधरी ने अनार की बागवानी करके काफी अच्छा उत्पादन लिया था। बागवानी फसलों की खेती के साथ-साथ ये मारवाड़ी किसान आज गेहूं, बाजरा, मूंग, मोठ, अरंडी और रायडा़ की परंपरागत फसलों का उत्पादन भी ले रहे हैं।
गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट का क्या इस्तेमाल:
किसान केहराराम बताते हैं कि वह अपने खेत में रासायनिक खाद-उर्वरकों के बजाय गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। वह यह भी बताते हैं कि जैविक खेती से मुनाफा कमाने के लिए धीरे-धीरे 2 हेक्टेयर में फैली खजूर की बागवानी को 4 हेक्टेयर तक बढ़ा दिया और फिर बरी किस्म के साथ मेडजूल किस्म के खजूर की भी खेती करने लगे।
इस तरह से उन्होंने अपने खेत के एक पेड़ से लगभग 100 किलो खजूर का उत्पादन प्राप्त हुआ है। बाजार में खजूर लगभग 1000 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकते हैं। किसान केहराराम के बाग से प्रतिवर्ष लगभग 21,200 किलो खजूर होते हैं, जिससे उन्होंने सालाना 30 लाख रुपये से अधिक की कमाई होती है।
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