रद्दी अखबार से कमाल की चादरें और बहुत कुछ


अपने हुनर का शानदार तरीके से प्रयोग कर बना रहे रद्दी अख़बारों से कमाल की चीज़े। अखबार से धागा और धागे से दरी बुनना वास्तव में थोड़ा काल्पनिक लगता है, लेकिन यह हकीकत में हो रहा है। अपनी मेहनत, लगन और क्रिएटिविटी से बनाये इन्होंने ऐसे शानदार-शानदार क्राफ्ट जिन्हें देखकर आप भी दंग रह जाएंगे। अपने इस अनोखे कार्य से वे ना सिर्फ देश-प्रदेश में बल्कि विदेशों में भी सुर्खियां बटोर रही है। तथा ऐसे यूनिक क्राफ्ट्स को लोग अपने घरों में सजाने तथा उनका प्रयोग करने के लिए हमेशा उत्सुक दिखते हैं। आज सीखेंगे हम राजस्थान की नीरजा जी से कि वह किस प्रकार खराब अखबारों को काटकर दरी,चादर, बैग और भी बहुत सारे सजावटी क्राफ्ट्स बनाती है।
इस चमत्कारिक कार्य को करने के लिए हाथों की कलाकारी तो है ही, वहीं कुछ मशीनों का भी प्रयोग किया जाता है। सबसे पहले रद्दी अख़बार कागज को मशीन द्वारा करीब एक-एक इंच की लंबी पट्टियों में काट लेते हैं तथा उन्हें आपस में चिपका कर एक रील में लपेटते हैं। फिर इस अखबार की लंबी पट्टियों की रील को लूम मशीन की सहायता से बुनते हैं। जिसमें ऊर्ध्वाधर बुनने वाले को ताना और क्षैतिज बुनने वाले को बाना कहते हैं। इसी प्रकार ताने-बाने को सॉफ्ट की मदद से कसकर चादर या दरी बुन देते हैं।
इसके अलावा अखबार का धागा बनाकर भी चादरें लूम मशीन की सहायता से बूनी जाती है। जयपुर के प्रसिद्ध कागज की हैंडमेड सीट से भी धागा बनता है, जिसको बल देकर थोड़ा मजबूत कर लिया जाता है। अखबार का जीएएसएम कम होने की वजह से धागा बहुत बारीक बनता है और फिर मशीन द्वारा रंग-बिरंगे धागों का प्रयोग करके रंगीन डिजाइनदार कपड़ा बनाया जाता है। जो सूती कपड़ों से भी कहीं अधिक आकर्षक और प्रभावशाली लगता है।
प्रमुख क्राफ्ट:
इनके द्वारा बनाए गए प्राकृतिक और यूनिक क्राफ्ट्स में मुख्य रूप से डिजाइनदार चटाइयां, परदे, चादरें तथा विभिन्न प्रकार के मल्टीपरपज बैग, जिनमें टॉल बैग, क्लैच बैग आदि है। इसी प्रकार उनके द्वारा अखबार से बने धागों की चादर द्वारा बनाया गया पिरामिडनुमा बड़ा-सा लैंप भी काफ़ी आकर्षक है। यूं तो कागज बहुत ही कमजोर होता है किंतु जब उसको बल देकर धागे के रूप में बना लेते हैं और फिर उससे बनने वाली चादर या कपड़ा काफी मजबूत, कुछ दिन तक चलने वाला और फैशनेबल लगता है। उनके इन सभी प्रभावशाली क्राफ्ट्स की मांग विभिन्न प्रकार के मेलों आदि में बनी रहती है। यदि कोई बन्धु इनसे संपर्क करना चाहे तो इनका पता - सूत्रकार क्रिएशन, जयपुर, राजस्थान है। ऐसी ही क्रिएटिव जनकारी के लिए जुड़े रहे हमारे साथ। धन्यवाद॥
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