लक्ष्मी बनीं गांव की पहली महिला सब-इंस्पेक्टर

16 Sep 2022 | others
लक्ष्मी बनीं गांव की पहली महिला सब-इंस्पेक्टर

हम बात कर रहे है बाड़मेर जिले की पहली मेघवाल समाज से राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर बनी लक्ष्मी गढ़वीर की। लक्ष्मी जब सब इंस्पेक्टर बन कर पहली बार अपने घर पहुंची तो उसने अपने मां-बाबा को सैल्यूट कर उनका अभिवादन किया।

सरहदी बाड़मेर की लक्ष्मी गढ़वीर छोटे से गांव मंगले की बेरी की निवासी है। लक्ष्मी की जिंदगी शुरू से ही संघर्षभरी रही। चुनौतियों के बावजूद उसने हिम्मत नहीं हारी। लक्ष्मी के पिता रायचंद नेत्रहीन है और दो भाइयों की इकलौती बहन ने सब इंस्पेक्टर बनकर पूरे जिले का नाम रोशन किया है। बारहवीं उत्तीर्ण करने के बाद पुलिस भर्ती परीक्षा दी और साल 2011 की जुलाई में बाड़मेर में पुलिस कांस्टेबल के लिए उसका चयन हो गया।

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लक्ष्मी बताती हैं कि ट्रेनिंग के बाद भी पुलिस की ड्यूटी के साथ-साथ अपनी शिक्षा को बदस्तूर जारी रखा। बीए के बाद उसने एमए की। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जारी रखी। वह बताती है कि कांस्टेबल बनने के बाद जब पढ़ाई जारी रखी तो शुरू में लोगों ने उसके घरवालों को ताने दिए कि अब क्या पढ़कर क्या अफसर बनेगी? लेकिन लक्ष्मी ने मन में ठान रखी थी।

9 साल लंबे संघर्ष और मेहनत से मिला परिणाम:

9 साल लंबे संघर्ष और मेहनत के बाद लक्ष्मी का राजस्थान पुलिस सब इंस्पेक्टर में चयन हो गया। लक्ष्मी ने अपनी सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिग पूरी की और हाल ही में दीक्षांत समारोह में उसके कांधे पर दो सितारे लगे। सब इंस्पेक्टर की वर्दी पहन कर जब वह पहली बार घर आई तो अपने मां बाबा को सैल्यूट कर उनका अभिवादन किया।

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