विभिन्न प्रकार की आइसक्रीम बनाने वाली फैक्ट्री

27 Aug 2024 | others
विभिन्न प्रकार की आइसक्रीम बनाने वाली फैक्ट्री

ऐसी गजब की मेगा फैक्ट्री जहां दिन भर में दर्जनों प्रकार की आइसक्रीमें बनकर तैयार हो जाती है। सभी आइसक्रीम ऑटोमेटिक मशीनों द्वारा 10 से 15 मिनट में बन जाती है। इनमें मुख्य रूप से कोन आइसक्रीम, कुल्फी, कटोरी वाली तथा डंडी वाली आइसक्रीम सर्वाधिक प्रचलित है। गर्मियों के मौसम में चलने वाले इस बिजनेस का उत्पाद सबसे लोकप्रिय है। जिन्हें फैक्ट्री से सेलर स्वत: ही भारी मात्रा में ले जाकर सेल करते हैं। आये जानते हैं विस्तार से सभी आइसक्रीम उत्पादन की प्रक्रिया तथा पैकिंग से लेकर सप्लाई तक के बारे में। 

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कोन आइसक्रीम बनाने की प्रक्रिया:

सबसे पहले दूध को पाश्चराइज कर, आइसक्रीम बनाने वाले सभी पदार्थ डाले जाते हैं। दूध पाइप द्वारा मोटर में जाता है, फिर फिल्टर में तथा फिर होमोजेनाइज करते है। होमोजेनाइजेशन आइसक्रीम के पदार्थ को ठंडा करने तथा उसकी लाइफ बढ़ाने की प्रक्रिया है। इसके बाद दूध फ्लेवर टैंक में आ जाता है, जिसमें 20 से 25 तरह के फ्लेवर बना सकते हैं। मशीन द्वारा ही दूध में पड़ी सुखी सामग्री हाइड्रेट और वसा क्रिस्टलीकरत हो जाती है। कोन आइसक्रीम बनाने के लिए बाजार में पहले से ही कोन के आकार में कागज के फ्रेम आते हैं, जिनको एक गोलाकार चकरी वाली मशीन पर बने हॉल में फंसा दिया जाता है।

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सबसे पहले कागज के फ्रेम में सूजी के बने कोन-कप लगते हैं। जिनमें बारी-बारी से स्वादिष्ट क्रीम, कोको-पाउडर, नट्स आदि पदार्थ डालते हैं। इसके बाद कागज की गोल स्ट्रिप लगाकर, पंचिंग मशीन द्वारा ही कोन कागज के ऊपर वाले भाग को मोड़कर पैक कर दिया जाता है। 

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स्टीक आइसक्रीम:

डंडी वाली आइसक्रीमों का निर्माण करना बहुत ही आसान है। इसके लिए सबसे पहले एक सांचे में स्टिकों को पिरोया जाता है, जिसमें एक बार में करीब 50 डांडिया लग जाती है। दूसरे सांचे में आवश्यकता अनुसार फ्लेवर वाला जल बनाकर डालते हैं। अब फ्लेवर वाले सांचे में, स्टीक वाले सांचे को रखा जाता है। जिससे स्टीक उस फ्लेवर के बीचो-बीच जाकर सेट हो जाती है तथा इस कांबिनेशन को एक फ्रीजर मशीन में रखकर छोड़ देते हैं। जिसमें पहले से ही कैल्शियम और नमक का मिश्रण मिला होता है। इस फ्रीजर मशीन के अंदर का तापमान माइनस 18 डिग्री रखने पर, आइसक्रीम का लिक्विड 10 से 15 मिनट में सॉलिड में बदल जाता है।

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इसी प्रकार केसर बादाम आइसक्रीम को बनाने के लिए दूध को विभिन्न प्रक्रियाओं से गुजार कर, उसमें ड्राई फ्रूट्स आदि डालते हैं। तथा उपरोक्त विधि द्वारा डंडिया लगाकर फ्रीजर में जमा देते हैं और केसर तथा क्रीम के बने स्वादिष्ट मिश्रण में इसे डुबोते हैं, जिससे क्रीम और नट्स की एक परत आइसक्रीम पर चढ़ जाती है। अब इसे फ्रीजर के अंदर जमने के लिए छोड़ दिया जाता है। 

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इन स्टिक आइसक्रीम को पैकिंग करने की प्रक्रिया भी बड़ी शानदार है, जो मशीन द्वारा लेबल लगाकर की जाती है। इस मशीन में एक प्रकार का सेंसर होता है, जो ब्लैक कलर की लाइन को सेंसिंग करता है और वहां से उसे पंचिंग कर काट देता है। इस प्रकार चोकोबार आइसक्रीम बनकर तैयार हो जाती है और इनको इकट्ठा कर पहले हार्ड करने हेतु हार्डेनिंग रूम में तथा फिर कोल्ड रूम में स्टोर करने के लिए रख देते हैं। इस कॉल्ड रूम का टेंपरेचर -35 डिग्री तक रहता है।

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यहीं से पैकिंग होकर डिस्ट्रीब्यूटर के पास आइसक्रीमें जाती है। यदि कोई भाई इनसे संपर्क करना चाहे तो उनकी यह फैक्ट्री बागपत रोड उत्तर प्रदेश में स्थित तथा इनका मोबाइल नंबर 8126649649 तथा 8057555555 है। दोस्तों यह थी आइसक्रीम बनाने वाली शानदार फैक्ट्री की कहानी। इसी प्रकार अन्य जानकारी के लिए जुड़े रहे हमारे साथ। धन्यवाद॥



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