15 साल की उम्र में बनी लखपति


स्मृति अपने बिज़नेस ‘शिखा क्रिएशन’ के ज़रिए, 13 लोगों को रोज़गार भी दे रही हैं। वहीं उन्होंने अब तक करीबन 200 लोगों को टेराकोटा ज्वेलरी बनाने की ट्रेनिंग दी है, जिसमें से 40 से ज्यादा लोग तो आज खुद का बिज़नेस चला रहे हैं।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि उन्होंने इस काम की शुरुआत बहुत छोटी सी उम्र में की थी। द बेटर इंडिया से बात करते हुए वह कहती हैं, “मुझे आर्ट और क्राफ्ट में हमेशा से रुचि रही है। बचपन से मैं गर्मियों की छुट्टियों में कुछ न कुछ सीखती थी। साल 2015 में गर्मी की छुटियों में ही मैंने टेराकोटा ज्वेलरी बनाना सीखा था, जिसके बाद मुझे इस काम में बहुत मज़ा आने लगा। मैंने अपने दोस्तों को टेराकोटा ज्वेलरी बनाकर तोहफे में देना शुरू किया।”

हॉबी को बनाया काम:
स्मृति इस काम में इतनी माहिर थीं कि जिन-जिन लोगों को भी वह अपनी बनाई ज्वेलरी तोहफे में देतीं सभी उसकी खूब तारीफ करते थे। तभी उन्हें लगा कि क्यों न इसे बिज़नेस बनाया जाए? मात्र 15 साल की उम्र में ही उन्हें इस काम को बिज़नेस बनाने का ख्याल आ गया था।
इसके बाद उन्होंने टेराकोटा के झुमके बनाकर अपने घर के पास की एक क्राफ्ट दुकान में रखा। करीबन दो हफ्ते बाद, उनके बनाए झुमके 50 रुपये में बिके थे। स्मृति कहती हैं, “वे 50 रुपये मेरे जीवन की पहली कमाई थे, जिसे पाकर मैं बेहद खुश हुई थी। लेकिन तब भी मुझे अंदाजा नहीं था कि एक दिन मेरी हॉबी इतना बड़ा बिज़नेस बन जाएगी।”
अगले ही साल उन्होंने अपनी दसवीं की परीक्षा देने के बाद, अपना बिज़नेस ऑनलाइन शुरू किया और इंस्टाग्राम सहित सोशल मीडिया पर भी मार्केटिंग करने लगीं।
शुरुआत में जब उन्होंने अपनी हॉबी को काम बनाने का फैसला किया तब उनके पिता ने उनकी पढ़ाई को लेकर चिंता भी जताई, लेकिन स्मृति ने अपने काम के साथ-साथ, पढ़ाई को बखूबी संभाला है।
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