सैकड़ों वर्ष पुरानी विभिन्न प्रयोग हेतु लाइटें


जब बैटरी वाली टॉर्च या लाइट इजात नहीं हुई थी, तब लालटेन रुपी यह लाइटें ही कारगर सिद्ध हो रही थी, सुविधा अनुसार इन्हें तरह-तरह आकार में मोल्ड किया हुआ था। इन लाइटों में विभिन्न प्रकार के लेंस लगे होने के कारण 1 किलोमीटर दूर तक रोशनी उत्पन्न कर देती थी। यह रहस्यमयी लाइटें तेल से ही जलती थीं। आये जानते और सीखते हैं सभी उपकरणों के बारे में, किस प्रकार वर्षों पहले इनसे कार्य लिया जाता था।

कार लैंप:
लुकासा कंपनी का यह लैंप कार में प्रयोग होता था, जो पूर्ण रूप से पैकेड था। नीचे लॉक खोलने पर तेल और बत्ती आदि लगाए जाते थे। बत्ती सेट करने के बाद फिर नीचे से लॉक लगाकर बंद कर देते थे और ऊपर से जलाकर कर की हेडलाइट जैसे सेट कर देते थे, जो दूर तक रोशनी उत्पन्न करता था।

रेलवे सिग्नल लैंप:
एक डोलचीनुमा लैंप जो लाल और हरी रंग की लाइट में पलक झपकते ही परिवर्तित हो जाता है। इसका प्रयोग रेलगाड़ी को सिग्नल देने के लिए किया जाता था जब रेलगाड़ी को रोकना होता था तो लाल पट्टी को लालटेन की लौ की तरफ कर देते थे, जिससे लाल रंग का प्रकाश उत्पन्न होता था और जब रेलगाड़ी को चलाना होता था तो हरी पट्टी को लौ की तरफ कर देते, जिससे हरे रंग का प्रकाश उत्पन्न होता था।

साइकिल लाइट:
इसी प्रकार बहुत छोटे रूप में साइकिल की लाइटें भी इजात की हुई है, जो आगे साइकिल में दी हुई एक खूंटी पर टांग दी जाती थी। इसमें नीचे की तरफ एक टंकी है, जिसमें तेल डालने पर यह जलती थी। और इसके ऊपर की तरफ एक ऐसा शानदार मोटा लेंस लगा हुआ है, जो प्रकाश को बहुत दूर तक प्रसारित करता है। यह प्रकाश 1 किलोमीटर तक जाता है। इन सब में गैस बनाने हेतु पंप भी लगे हुए हैं।

घोड़ागाड़ी लाइट:
क्योंकि बैलगाड़ी या घोड़ा गाड़ी चलते समय बहुत ज्यादा हिलते है, इसलिए उसमें हर तरह का लैंप कामयाब नहीं हो सकता। इसके लिए एक विशेष प्रकार का सॉकर युक्त लैंप है, जिसके हिलने पर लैंप की बत्ती नहीं हिलती केवल ऊपर का हिस्सा ही होता है। इसको बैलगाड़ी में टांग देते थे तो बत्ती या तेल बिखरने का डर नहीं है और बहुत दूर तक रोशनी से जगमगा देता था।

शादी-ब्याह में प्रयोग होने वाली लाइटे:
पुराने समय में जब बारात जाती थी तो रोशनी के लिए एक लाइट की लड़ी का प्रयोग किया जाता था, जिसमें हैलोजन या ब्राश से बनी पेट्रोमैक्स की बत्ती लगी होती थी। जिससे यह पूरी लड़ी जलती हुई बड़ी ही सुंदर और प्रकाशमयी लगती थी। यह करीब 9 से 10 घंटे तक लगातार जलती रहती थी, जो मेड इन जर्मनी है।
इसके साथ उनके इस एंटीक स्टोर में बहुत सारी वैरायटी के लैंप लाइट और घड़ियां संग्रहित है। इनमें बहुत सारे गैस के माध्यम से भी चलते हैं जो देखने में एकदम शानदार और यूनिक प्रतीत होते हैं। इंटीरियर डिजाइनिंग हेतु बहुत से लोग इन्हें अपने घरों में सजावट हेतु जलाते हैं, जो सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं। ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए जुड़े रहे हमारे साथ। धन्यवाद॥
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