स्ट्रॉबेरी की खेती कर के सेवाराम हुए मालामाल


महाराष्ट्र से लाए 16 हजार पौधे
सेवा राम ने बताया कि वे पहले गन्ने की परंपरागत खेती करते थे लेकिन कई बार लागत भी नहीं निकलती थी. यही वजह थी कि मैंने स्ट्राबेरी की खेती शुरू कर दी. इसके लिए महाराष्ट्र के महाबलेश्वर से 16,000 स्ट्रॉबेरी के पौधे मंगाए गए थे. आगे उन्होंने बताया कि स्ट्राबेरी की खेती में वे सिंचाई ड्रिप पद्धति करते हैं. जिससे पौधे में पर्याप्त नमी बनी रहती है और पौधे की बढ़वार भी अच्छी होती है. आखिर सेवाराम की मेहनत रंग लें और अब लगाए पौधों में स्ट्राबेरी आना शुरू हो गई है.
विंटर डाउन किस्म लगाई
उन्होंने आगे बताया कि पिछले साल सितम्बर महीने में उन्होंने विंटर डाउन किस्म की स्ट्राबेरी के पौधे लगाए. जिसमें लगभग 2 लाख रुपये का खर्च आया. अब पौधे में फल आना शुरू हो गया है. हर चार-पांच दिन में स्ट्राबेरी की तुड़ाई करके बाजार ले जाते हैं. उनका कहना हैं कि यदि अधिक पैदावार होगी तो उत्पादन को दिल्ली मंडी भी ले जा सकते हैं.
अन्य किसानों का रुझान भी
बता दें कि सेवाराम पहले अन्य किसानों की तरह गन्ने की खेती करते थे लेकिन फिर मन उठ गया तो स्ट्राबेरी की खेती शुरू कर दी. उन्होंने लगभग एक एकड़ में गन्ना लगाया है जिससे अच्छी आमदानी शुरू हो गई है. मार्च महीने तक स्ट्राबेरी का उत्पादन होगा. इधर, सेवाराम को देखकर क्षेत्र के अन्य किसानों का रुझान भी बागवानी की तरफ बढ़ रहा है.
Comment
Also Read

ट्रैक्टर पर सिर्फ 5
edhgmn,mngdfd

ग्लूटेन-फ्री आहार: किसके लिए ज़रूरी और क्यों?
ग्लूटेन-फ्री आहार (Gluten-Free Die

देसी ताकत का खजाना: सत्तू
गर्मी का मौसम हो या सर्दी की सुबह,

व्रत और उपवास में खाए जाने वाले खाद्य पदार्थ और उनका महत्व
भारत में व्रत और उपवास धार्मिक एवं

इंटरमिटेंट फास्टिंग का विज्ञान, लाभ और सावधानियाँ
इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent
Related Posts
Short Details About