हैरान कर देने वाले जादूई आइटम्स और तंदूरी भट्टी


अपने हाथ और दिमाग की कलाकारी से जादूगर बन रही दुनिया। बना रहे ऐसे चौंका देने वाले जादुई यंत्र जिन्हें देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे। इन्हें हाथ की सफाई कहिए या जादू परंतु यह खिलौने सोचने पर मजबूर कर देते हैं। वहीं दूसरी तरफ एक युवक बना रहा है मिट्टी से तंदूर बनने वाला चूल्हा जो अपने आप में बड़ा ही शानदार कार्य है। आये जानते हैं इन भारत के कुशल युवाओं से यह किस प्रकार इन कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।

जादुई उपकरण:
बच्चों के प्रयोग हेतु कलाकारी और जादू दिखाने वाले यह उपकरण बहुत ही जल्दी और कुशलतापूर्ण कार्य करते हैं। इनमें मुख्य रूप से फूंक मार कर सेकंडों में रंग-बिरंगे फूल और पेंटिंग बनाने वाले आइटम। पलक झपकते ही अंडे में से मुर्गी निकालने वाली कटोरी। इसी के साथ एक ऐसी जादुई डायरी जिसको एक तरफ से खोलने पर नोटों की गड्ड़ी बन जाती है और दूसरी तरफ से खोलने पर नोट गायब हो जाते हैं।

एक ऐसी जादुई रिंग जो स्प्रिंग में फंसकर निकलनी मुश्किल हो जाती है; परंतु फिर एक छोटी सी ट्रिक द्वारा आसानी से निकल भी जाती है, जो देखने वाले को हैरानी में डाल देती है। एक ऐसा जादूई पासा जिसे एक छोटी-सी डब्बी में गुप्त रूप से डालने पर जादूगर बता देता है, कि इसमें आपने कौन सा नंबर चुना था। इसी के साथ इनके पास है ऐसे सैकड़ो उपकरण। यदि कोई भाई इनसे संपर्क करना चाहे तो इनका मोबाइल नंबर 7718058821 है।
तंदूरी भट्टी बनाने की कला:
यूं तो भारत के युवकों के हाथ में कोई ना कोई कला अवश्य होती है, जो उनसे शानदार जादू भरे कार्य कराने को प्रेरित करती है। उसी कड़ी में एक ग्रामीण युवा पन्नालाल दिन भर में सैकड़ो भट्टियां बनाकर यह शानदार कार्य कर रहे हैं। साधारण मिट्टी को विभिन्न प्रक्रियाओं द्वारा विशेष बनाकर मिट्टी को भट्टी बनाने योग्य बनाते हैं। आये जानते हैं पन्नालाल से वे किसी प्रकार किसी कार्य को कर रहें हैं।

सबसे पहले साधारण सूखी मिट्टी को झरने में छाना जाता है। अब इस बारीक पाउडर रूपी मिट्टी में पानी डालकर पैरों द्वारा मथा जाता है, जिससे यह गीली होकर आपस में चिपक जाती है। मिट्टी आपस में जुड़ी रहें, इसके लिए इसमें बाल या कपास के रेशे मिलाये जाते हैं। मिट्टी का मिश्रण तैयार हो जाने के बाद एक निश्चित पैमाने में माप कर मिट्टी की एक लंबवत परत बनाई जाती है, जिसे थोड़ा सूखने पर रोल कर लेते हैं।
धरती पर एक निश्चित आकार का व्रत खींचकर, उस बनाए गए रोल को व्रत पर रख कर खोल देते हैं। फिर मिट्टी की कम से कम तीन परतें इस पर बारी-बारी से चढ़ाई जाती है। जिससे भट्टी का आधार बनाकर तैयार हो जाता है। आधार पर थोड़ी-थोड़ी ऊंचाई को मेंटेन करते हुए भट्टी की लंबाई बढ़ाई जाती है। जिस पर मिट्टी की फाइनल कोटिंग करके सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है और बनकर तैयार हो जाती है तंदूरी रोटी वाली भट्टी।

इस प्रकार यह दिन में इस छोटे सी फैक्ट्री में लगभग 50 भट्टियां बना देते हैं। यदि कोई भाई इनसे संपर्क करना चाहे तो इनका मोबाइल नंबर 9319291915 है। ऐसे ही हाथ की कलाकारी भरी जानकारी के लिए जुड़े रहे "द अमेजिंग भारत" के साथ धन्यवाद॥
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