पीवीसी वॉलपेपर द्वारा हो रही शानदार इंटीरियर डिजाइनिंग


अब घर, ऑफिस, दुकान आदि में इंटीरियर डिजाइनिंग के लिए हाथों से पुताई या पेंट करने के जमाने गये, अब समय है प्रिंटेड पीवीसी वॉलपेपर लगाने का। इसीलिए समय की मांग को देखते हुए चिराग भाई अपनी इस शानदार फैक्ट्री में बनाते हैं पीवीसी की ऐसी शानदार सीटें तथा और भी कई विभिन्न तरह के उत्पाद, जिन्हें देखकर आप खुश हो जाएंगे। यह सभी कार्य बड़ी-सी मशीनों द्वारा होता है, जो एक विशेष पाउडर की मदद से लंबी सतत् सीटें बनाते है, एक अन्य मशीन इनका आकार बदल देती है तो दूसरी इस पर प्रिंट करने का कार्य करती है। आये इस लेख में जानते हैं विस्तार से, किस प्रकार बनते हैं यह अद्भुत प्रोडक्ट्स।

पीवीसी वॉलपेपर बनने की प्रक्रिया:
सबसे पहले रॉ मटेरियल के रूप में विभिन्न पाउडर्स एक मशीन में मिक्स होते हैं, जो सक्शन पाइप द्वारा होफरस् में जाता है। जिसमें विभिन्न तरह के बहुत सारे हिटर लगे हैं जो स्वत: ही टेंपरेचर को कट आउट करते हैं। उसके बाद ये मशीन मिक्सड पाउडर से वॉलपेपर शीट बनाने की प्रक्रिया शुरू कर देती हैं और इनमें लगी कूलिंग पाइप सीट बनते ही उसे ठंडा कर देते हैं ताकि उसका आकार चेंज ना हो। पीछे लगे चिल्लर से चिल्ड वाटर सप्लाई होता रहता है, जो शीट के टेंपरेचर में एकदम से काफी बदलाव कर पीवीसी शीट को फिक्स कर देता है।

यह मशीनों का बना यह चैंबर आपस में अटैच है, जो सीक्वंसली अपने-अपने कार्य को करता रहता है। पहले से ही तैयार विभिन्न डिजाइनों की फिल्में अब इन सीट पर एक तरह से पेस्ट की जाती है। इसके लिए मशीन थोड़ी हीटिंग या एक प्रकार की प्रेस कर फिल्म को PVC सीट पर ग्लू के माध्यम से चिपकाती है। प्रेसिंग रोलर बड़ी ही सफाई के साथ फिल्म को सीट पर चिपका देता है तथा आगे लगा ब्लोअर भी किनारों को विशेष मजबूती से पेस्ट करता है।

इनके पास करीब 5000 डिजाइन की फिल्में मौजूद है जिन्हें आवश्यकता और डिमांड अनुसार इन सीटों पर चिपकाते रहते हैं। इसमें लगे विभिन्न प्रकार के फिल्मिंग रोलर्स इन फिल्म को पीवीसी शीट के अंदर इस प्रकार एडजस्ट कर देते हैं, कि पता भी नहीं चलता यह चिपक रहा है या प्रिंटिंग की हुई है। विभिन्न प्रेशरों के बीच में से निकलने के बाद ऑटोमेटेकली मशीन द्वारा इनका रोल बना दिया जाता है तथा कुछ सीटों को मशीन स्वत: ही 10-10 फीट की लंबाई में काट देती है। क्वालिटी चेक के लिए उनकी टीम के कुछ लोग कंटिन्यू मशीन से निकले प्रोडक्ट की निगरानी कर चेक करते रहते हैं।
बीडिंग का निर्माण:
पीवीसी पैनल लॉकिंग तथा कॉर्नर पर यूज होने वाली इन बीडिंग का निर्माण भी इसी फैक्ट्री में किया जाता है। इसके लिए सबसे पहले निश्चित चौड़ाई की उपरोक्त विधि द्वारा पीवीसी शीट बनाते है और विभिन्न रोलर्स के बीच में को निकाल कर फिल्म चिपका देते हैं। तथा फिर मशीन द्वारा ही उन गर्म शीट के एकदम सेंटर पर प्रेशर डालकर 90 डिग्री कोण के साथ मोड़ते हैं।

जिससे एकदम फिनिशिंग के साथ पीवीसी का कॉर्नर बनकर तैयार हो जाता है। जिन्हें मशीन 10 फीट की लंबाई पर कट कर देती है ।

और कारीगर निश्चित मात्रा में सीटों को पॉलिथीन के बैग्स मैं सील पैक कर देते हैं। जो भारी संख्या में ट्रैकों में लोड कर दूर-दूर तक सप्लाई होने हेतु भेज देते हैं।

इंटीरियर डिजाइन में घर या ऑफिस को बेहद खूबसूरत और आकर्षक दिखाने के लिए इनका प्रयोग होता है। जिन्हें एक विशेष प्रकार के ग्लू द्वारा दीवारों पर चिपका दिया जाता है तथा यह जल्दी से दीवार से हटते भी नहीं अर्थात् इनकी लाइफ 7 से 10 साल तक आराम से है। यदि कोई भाई इनसे संपर्क करना चाहे तो इनका कांटेक्ट नंबर 9466642143 पर कॉल कर अन्य जानकारी प्राप्त कर सकता है।
तो दोस्तों कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा इसी प्रकार के अन्य लेखों के लिए जुड़े रहे "द अमेजिंग भारत" के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद॥
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