विभिन्न प्रकार की रेल-गाड़ियां हैं इस आदर्श शहरी मॉडल की पहचान


आदर्श शहर के रूप में डेवलप एक ऐसा मॉडल जिसमें सड़क पर दौड़ने वाले वाहनों के साथ-साथ रेल गाड़ियों का भी बड़ा नेटवर्क दर्शाया गया है। एक बड़े से कमरे में विकसित किया यह मिनिएचर कमाल का है। इसमें शहर में व्याप्त भौतिक सुख-सुविधाओं और टेक्नोलॉजी के प्रयोग को दर्शाया गया है। उद्योग से लेकर मनोरंजन तक के सभी साधनों को एकदम हूबहू चलता-फिरता दिखा रखा है। रोड़ पर दौड़ती तेज स्पीड में गाड़ियां और लोहे की पटरियों पर चलती ट्रेनों का दृश्य अपने आप में अद्भुत है। आये जानते हैं लेख में इस मॉडल को किस प्रकार विकसित किया गया है।
इस रेलवे मॉडल को देखने के लिए चलता है शॉ:
प्रतिदिन विभिन्न स्लॉटों में संचालित इस शो को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। जिसमें एक विशेष साउंड एंड लाइटिंग इफेक्ट के आधार पर कमेंट्री चलती है, पहले आए हुए लोगों का स्वागत किया जाता है और फिर नॉरेटर कहता है कि हम इतने बड़े शहर को कैसे घूमेंगे तो तभी एक जीनी प्रकट होता है और लोगों को पूरा शहर घूमता तथा उसकी सभी खूबियां विस्तार से समझाता है।
संग्रहालय के प्रमुख आकर्षण:
यह संग्रहालय वीएस जोशी जी के दिमाग की उपज है, जिन्हें बचपन से ही ट्रेन के मॉडल इकट्ठा करने का शौक था। सन् 1980 के दशक से उन्होंने इस ले-आउट पर कार्य करना शुरू किया। पहले वह इस मॉडल को सर्कस या मेलों आदि में लगा कर लोगों को दिखाते थे; परंतु वर्तमान में उन्होंने इसे एक स्थाई जगह विकसित कर दिया। इस विस्तृत कार्य में 65 सिग्नल, लैंपपोस्ट, फ्लाईओवर, 100 से अधिक तार आदि शामिल है जो रासायनिक नक्काशी और डिजिटल कंट्रोल से चलते हैं।

रेल मॉडल:
इस पूरे शहर के चारों तरफ तथा बीच में रेलवे ट्रैक बने हुए हैं, जिन पर तेज स्पीड में विभिन्न प्रकार की रेल गाड़ियां दौड़ती है और निश्चित प्लेटफार्म आ जाने पर रूकती भी है, जिसमें लोगों को उतरने चढ़ने तथा प्लेटफार्म की भीड़ को भी साक्षात दर्शा रखा है। ट्रेन के पास गार्डन तथा होटल आदि भी बने हैं। जहां लोग खाना खाते दिखते हैं तथा शहर में हाईवे रोड और सब-वे भी है, जिन पर भारी मात्रा में ट्रैफिक नियमों का पालन करती हुई गाड़ियों का आवगमन दिखा रखा है। रेलवे के इतिहास को दर्शाते हुए भाप इंजन टर्न-टेबल द्वारा घूम कर किस प्रकार पटरी पर पहुंचता है, इसका अनोखा दृश्य भी इस मॉडल में क्रिएट कर रखा है।

सर्कस डॉम:
मनोरंजन हेतु इसमें लोगों को सर्कस देखते हुए भी चलायमान रूप से दिखा रखा है। जिसमें विशेष विधि द्वारा डोम ऊपर उठता है और अंदर बैठे हुए लोग किस प्रकार आनंद ले रहे हैं का दृश्य भी एकदम अलग है। इसी के साथ विभिन्न प्रकार के झूले भी लगे हैं।

हैंगिंग मोनो रेल:
जर्मनी के रोल-टोल नामक शहर में विकसित यह हैंगिंग मोनो रेल उल्टी लटकी हुई तेज स्पीड में दौड़ती के दर्शन भी आप इस अद्भुत से मिनिएचर मॉडल में कर सकते हैं। सामान्य रूप से हर ट्रेन में दो पटरिया होती है; परंतु इस मोनो हैंगिंग रेल में एक ही पटरी पर टंगी यह रेल चलती हुई देखती है।

ऊंचे टावर पर बना रेस्टोरेंट:
इस मॉडल में एक बहुत ऊंचे टावर पर गतिमान रेस्टोरेंट बना है, जो ऊपर-नीचे होता है। नीचे आने पर लोग अंदर जाते हैं और ऊपर जाकर अनोखे ढंग से खाना खाते हैं तथा पूरे शहर का नजारा देखते हैं। सुंदर और आकर्षक रूप से विकसित इस शहर में विभिन्न जगह पहाड़ी स्थलों को भी दिखाया गया है, जिन पर बेहद खूबसूरत पेंटिंग कलाकृतियां माउंटेन क्लाइंबिंग करते हुए लोग दिखा रखें है।हाईवे और रेलवे ट्रैक और बहुत सारे अलग-अलग कंपोनेंट पर होने वाले मूवमेंट को कंप्यूटर द्वारा डिजिटल कंट्रोल किया जाता है। अद्भुत क्वालिटी का लाइटिंग एवं साउंड इफेक्ट और 3D प्रिंटिंग तकनीक इस सबको और अधिक रोचक बना देता है।

तो दोस्तों यह म्यूजियम पूणे महाराष्ट्र के कोथरुड एरिया में पड़ता है, जिसे आप कभी भी विजिट कर सकते हैं। कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं और ऐसी ही अन्य रोचक जानकारी के लिए जुड़े रहे "द अमेजिंग भारत" के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद॥
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