100 साल पुरानी कार - पयाना म्यूज़ियम


भारत के ऐतिहासिक शहर मैसूर में स्थित पयाना म्यूज़ियम देश का सबसे बड़ा और अनोखा विंटेज कार संग्रहालय है। यह म्यूज़ियम कार प्रेमियों और इतिहास के शौकीनों के लिए किसी खजाने से कम नहीं। इसका एंट्रेंस एक विशाल टायर की शेप में बनाया गया है, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है। इस संग्रहालय में कई दुर्लभ, शाही और ऐतिहासिक कारें संजोकर रखी गई हैं, जो भारत के ऑटोमोबाइल इतिहास को दर्शाती हैं।

शानदार विंटेज कारों का खजाना
1. 1924 की रॉल्स-रॉयस 20
यह कार 100 साल पुरानी होने के बावजूद अब भी रनिंग कंडीशन में है। इसकी हॉर्सपावर 3000 RPM और टॉप स्पीड 105 km/h है। यह गाड़ी अपने शानदार डिजाइन और स्मूथ परफॉर्मेंस के कारण दुनियाभर में मशहूर है।
2. अनोखी पैसेंजर सीट वाली कार
इस कार का डिजाइन बाकी गाड़ियों से अलग है। इसमें ड्राइवर की सीट आगे और पैसेंजर सीट पीछे है, जिसमें ज़्यादा लेगरूम दिया गया है। कार में पैसेंजर की सुविधा को ध्यान में रखते हुए डॉक्यूमेंट स्टोरेज भी दिया गया है।

3. 1925 की FB 501
यह कार अपनी मजबूत चेसिस और टिकाऊपन के लिए जानी जाती है। उस दौर में यह लक्ज़री और मजबूती का बेहतरीन उदाहरण थी।
4. 1929 स्टूडबेकर प्रेसिडेंट
इस गाड़ी की सबसे बड़ी खासियत इसकी हेडलाइट्स हैं, जो कार की स्पीड के अनुसार अपने आप तेज़ या धीमी होती हैं। इस कार को खास इसलिए भी माना जाता है क्योंकि महात्मा गांधी इसमें सफर कर चुके हैं। इस गाड़ी के साथ एक सर्टिफिकेट भी रखा गया है, जिसमें उनके हस्ताक्षर हैं।
5. 1949 Daimler DE (मैसूर महाराजा की कार)
यह शाही गाड़ी मैसूर के महाराजा द्वारा इस्तेमाल की गई थी। इसमें ड्राइवर और महारानी की सीट के बीच एक पार्टिशन दिया गया था, जिससे उनकी प्राइवेसी बनी रहती थी। यह कार राजसी ठाठ-बाठ और लक्ज़री का बेहतरीन नमूना है।
6. 1947 Citroën
यह कार उस दौर में साधारण लेकिन टिकाऊ गाड़ियों में से एक थी, जिसे लोगों की इकोनॉमिक ज़रूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया था।
7. वैज्ञानिक CV Raman की पर्सनल कार
इस म्यूज़ियम में भारत के मशहूर वैज्ञानिक सी. वी. रमन की पर्सनल कार भी प्रदर्शित है। इसमें एक खास तरह का फ्लैप (छज्जा) जुड़ा हुआ है, जो विंडो और डोर से अटैच होकर टायर्स के ऊपर तक जाता है। यह उनके लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई थी।

8. 1937 Skoda Popular 420 Roadster
यह एक स्पोर्ट्स कार है, जिसे जर्मनी से भारत तक ऑन-रोड लाया गया था। यह कॉम्पैक्ट साइज की ओपन-टॉप कार है, जिसे कवर खोलकर या बंद करके ड्राइव किया जा सकता है। इसके पीछे स्टेपनी स्टोरेज भी दिया गया है, जो इसे और खास बनाता है।
9. 1952 हिंदुस्तान 14 और भारत की ऐतिहासिक कारें
यह कार भारत में डिज़ाइन की गई थी और इसे अलग-अलग स्टाइल्स में एक्सपेरिमेंट कर बेहतर बनाया गया था। इसके बाद हिंदुस्तान लैंड मास्टर आई, जिसमें स्प्लिट विंडो हटा दी गई थी। इसके बाद भारत की सबसे आइकॉनिक कारों में से एक हिंदुस्तान एंबेसडर लॉन्च की गई, जिसका ब्लैक कलर मॉडल बेहद दुर्लभ है।

पयाना म्यूज़ियम: हर कार प्रेमी के लिए स्वर्ग
इस म्यूज़ियम में केवल कारें ही नहीं, बल्कि उनके साथ जुड़े इतिहास, महान हस्तियों की यादें और भारत के ऑटोमोबाइल विकास की झलक भी देखने को मिलती है। यह संग्रहालय केवल पुराने वाहनों का प्रदर्शन नहीं करता, बल्कि उन्हें संभालकर और रिस्टोर करके जीवंत भी बनाए रखता है।
अगर आप कभी मैसूर जाएं, तो इस म्यूज़ियम को देखने का मौका बिल्कुल न छोड़ें। यह हर ऑटोमोबाइल प्रेमी और इतिहास प्रेमी के लिए एक यादगार अनुभव साबित होगा।
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