1.5 करोड़ का भैंसा लेके पहुंचे किसानो का समर्थन करने


क्यों है इसकी कीमत इतनी और रखरखाव पर कितना खर्चा?
इन दिनों सोनीपत के पास नांगल कला का रहने वाला यह किसान काफी चर्चा में बना हुआ है। चर्चा का कारण किसान नहीं बल्कि इसका पाला हुआ बैल है जिसका नाम झोटा कर्ण है। आमतौर पर बैल को दस या बारह हजार रुपए में खरीदा जा सकता है। पर इस झोटे (बैल) की कीमत हजारों नहीं, लाखों में नहीं, करोड़ों में है। हां, पूरे डेढ़ करोड़।
मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर हाल ही में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर चल रहे किसान आंदोलन के दौरान सोनीपत सिंघु बॉर्डर पर नांगल कला का रहने वाला एक किसान जोगिंदर अपने डेढ़ करोड़ के झोटे के साथ किसानों को समर्थन देने पहुंचा था। जब से ही वह किसानों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सब तरफ इस किसान और इसके झोटे बैल की चर्चा हो रही है। जोगिंदर की माने तो उसके इस झोटे (बैल) की कीमत लगभग डेढ़ करोड़ आंकी गई है, लेकिन उनका कहना है कि मैं इसे किसी भी कीमत पर नहीं बेचूंगा क्योंकि यह मेरे बच्चे की तरह है।
खुराक जानके हो जाएंगे हैरान:-
इस झोटे की एक दिन की खुराक के बारे में जानकार आप हैरान रह जाएंगे। किसान जोगिंदर ने अपने डेढ़ करोड़ के झोटे की खुराक को लेकर बताया कि यह हर रोज 5 किलो बिनौले, 5 किलो दूध और 5 किलो खल के साथ-साथ आधा किलो घी खा जाता है। इस हिसाब से देखा जाए तो इसके रखरखाव पर प्रतिदिन का खर्चा 1000-1200 रुपए तक बैठता है।
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