विंडफॉल
2016-17 में बीमा कंपनियों ने फ़सल बीमा के प्रीमियम से 16,700 करोड़ का मुनाफा कमाया है. इसे विंडफॉल कहते हैं. टू जी घोटाले के समय भी यही विंडफॉल था. ये सारा पैसा सरकार का है.
हिन्दू बिजनेस लाइन की रिपोर्ट
हिन्दू बिजनेस लाइन की रिपोर्ट तो और भी भंयकर है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 11 बीमा कंपनियों को 20,374 करोड़ की प्रीमियम राशि दे दी गई. इन कंपनियों ने दावों का भुगतान किया है मात्र 3,655 करोड़. अख़बार के अनुसार यह बात सदन के पटल पर रखी रिपोर्ट में कही गई है.
रबी सीजन/खरीफ सीजन प्रीमियम राशि
रबी सीजन के लिए 4,668 करोड़ की प्रीमियम राशि कंपनियों को दी गई और उन्होंने दावों पर खर्च किया मात्र 22 करोड़. दावा भी 29 करोड़ का ही आया था. खरीफ सीजन के लिए 5,621 करोड़ का दावा आया मगर दिया गया मात्र 3,634 करोड़. हर जगह अंतर है.
लेख को ध्यान से पढ़ें
आप इस लेख को ध्यान से पढ़ें. किसानों को बतायें कि हिन्दू मुस्लिम करने से कुछ नहीं होगा. आंकड़ों को ध्यान से पढ़ें. सरकार ने बीमा के लिए अप्रत्याशित रूप से बजट रखा है. कम नहीं है. वो पैसा अगर बर्बाद न हो, सही तरीके से पहुंच जाए तो लाखों किसानों को भला हो सकता है.
किसान ज़बरदस्त मार्केट
किसान फिलहाल बीमा कंपनियों के लिए ज़बरदस्त मार्केट बन चुके हैं जिस मार्केट में किसान के लिए दाम नहीं है! समझे गेम.
इतना मुनाफे के बाद ना तो बीमा कम्पनीयो ने डकार ली!!
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