इस गेहूं का रंग उनमें मौजूद प्लांट पिगमेंट या रंजक कणों की मात्रा पर निर्भर होते हैं। काले गेहूं में एंथोसाएनिन नाम के पिगमेंट होते हैं। एंथोसाएनिन की अधिकता से फलों, सब्जियों, अनाजों का रंग नीला, बैंगनी या काला हो जाता है।एंथोसाएनिन नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट भी है। इसी वजह से यह सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है। 

काले गेहूं के पौषक तत्व: आम गेहूं में एंथोसाएनिन महज 5पीपीएम होता है, लेकिन काले गेहूं में यह 100 से 200 पीपीएम के आसपास होता है। एंथोसाएनिन के अलावा काले गेहूं में जिंक और आयरन की मात्रा में भी अंतर होता है। 

काले गेहूं में आम गेहूं की तुलना में 60 फीसदी आयरन ज्यादा होता है। हालांकि, प्रोटीन, स्टार्च और दूसरे पोषक तत्व समान मात्रा में होते हैं।

कच्चे अनाज की 3.5 औंस (100 ग्राम) में पोषण तथ्य होते हैं:

कैलोरी 343
पानी 10% 
प्रोटीन 13.3 ग्राम 
चीनी 0 ग्राम 
फाइबर 10 ग्राम 
वसा 3.4 ग्राम

 

काले गेहूं के फायदे (Black Wheat Benefits): 

दिल के रोगों को करे दूर- काले गेहूं का सेवन करने से दिल की बीमारियों के होने का खतरा कम होता है, क्योंकि काले गेहूं में ट्राइग्लिसराइड तत्व मौजूद होते हैं, इसके अलावा काले गेहूं में मौजूद मैग्नीशियम उच्च मात्रा में पाया जाता है जिससे शरीर में कोलेस्ट्राल का स्तर को सामान्य बनाए रखने में मदद मिलती है।

कब्ज को करता है दूर- काले गेहूं का नियमित सेवन करने से शरीर को सही मात्रा में फाइबर प्राप्त होता है जिससे पेट के रोगों खासकर कब्ज में लाभ मिलता है। पेट के कैंसर में फायदा काले गेहूं में मौजूद फाइबर से पाचन तंत्र मजबूत होता है। 

हाई ब्लड प्रेशर में लाभ- इसके नियमित सेवन करने से शरीर में उच्च कोलेस्ट्रॉल में उपयोगी होने के अलावा, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में कारगर होता है डायबिटीज में असरदार मधुमेह वाले लोगों के लिए सबसे उपयोगी होता है क्योंकि इसका सेवन करने से रक्त शर्करा यानि ब्लड शुगर को कम करने में मदद मिलती है। 

आंतों के इंफेक्शन को खत्म करने में कारगर- रोजाना काले गेहूं का अलग अलग रूपों में सेवन करने से शरीर में फाइबर का स्तर बेहतर होता है और आंतों के इंफेक्शन को ठीक करने में मदद मिलती है नए ऊतकों को बनाने में कागर काले गेहूं में मौजूद जरूरी पौषक तत्वों में से एक फास्फोरस भी होता है, जो शरीर में नए ऊतकों को बनाने के साथ उनके रखरखाव में अहम भूमिका निभाता है जिससे शरीर सुचारु रुप से कार्य कर सके।

 एनीमिया- काले गेहूं में प्रोटीन, मैग्नीशियम के अलावा आयरन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है । ऐसे में अगर आप रोजाना काले गेहूं का सेवन करते हैं, तो शरीर में रक्त की कमी यानि एनिमिया की बीमारी को दूर किया जा सकता है। इससे शरीर में आक्सीजन का स्तर सही रहता है। 

शरीर के विकास में मदद- काले गेहूं यानि साबुत अनाज में मैंगनीज उच्च मात्रा में पाया जाता है, मैंगनीज स्वस्थ चयापचय, विकास और शरीर के एंटीऑक्सिडेंट सुरक्षा के लिए आवश्यक भूमिका निभाता है। कोलेस्ट्राल को कम करता है काले गेहूं में असंतृप्त वसीय अम्ल और फाइबर उच्च मात्रा में पाया जाता है। ऐसे नियमित रूप से काले गेहूं का सेवन तब उपयोगी होता है जब वे रक्त में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के उच्च स्तर पर मौजूद होते हैं। एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने में प्रभावी साबित होता।

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काला गेहूं बाजारों में 60 से 120 रुपए किलो तक में बेचे जाते हैं

कई जगह इसकी मांग सामान्य गेहूं से ज्यादा है। कुछ ई कॉमर्स वेबसाइट काले गेहूं का आटा बेच रही हैं। इसकी कीमत साइट पर 250 रुपये प्रति किलो से 500 रुपये प्रति किलो तक बताई गई है।

 

 

एक किसान पिछले दिनों मंडी सीहोर में अपना 1 क्विंटल काला गेहूं ले कर आए थे. इसे मंडी में ऊंची बोली लगा कर 4001 रुपए में खरीदा. इस गेहूं की कीमत की बात करें तो किसान इस गेहूं को 7 से 8 हजार रुपये क्विंटल में आसानी से बेच रहे हैं जबकि साधारण गेहूं का भाव 2 हजार रुपये क्विंटल होता है. इस तरह साधारण गेहूं की अपेक्षा काले गेहूं से चार गुना ज्यादा पैसा मिल रहा है.

एक किसान के मुताबिक उन्होंने 500 किलो काले गेहूं की बुवाई की थी, जिससे 200 क्विंटल (1 क्विंटल = 100 किलो) फसल की पैदावार हुई है। यानी उनके पास 200 क्विंटल दुर्लभ काला गेहूं है। जहां तक कीमत का सवाल है तो किसान को इसकी सामान्य गेहूं के मुकाबले दोगुनी कीमत मिलेगी। जैसा कि बताया गया कि स्वास्थ्य के लिए अधिक बेहतर है इसी कारण इसके लिए दाम भी अधिक मिलेगा।

 

काले गेहूं की बुवाई समय:

काले गेहूं की बुवाई समय से एवं पर्याप्त नमी पर करना चाहिए. देर से बुवाई करने पर उपज में कमी होती है. जैसे-जैसे बुवाई में विलम्ब होता जाता है, गेहूं की पैदावार में गिरावट की दर बढ़ती चली जाती है. दिसंबर में बुवाई करने पर गेहूं की पैदावार 3 से 4 कु0/ हे0 एवं जनवरी में बुवाई करने पर 4 से 5 कु0/ हे0 प्रति सप्ताह की दर से घटती है.

काले गेहूं की उत्पादन सामान्य गेहूं की तरह ही होता है. इसकी उपज 10-12 क्विंटल/ बीघा होता है. सामान्य गेहूं का भी औसतन उपज एक बीघा में 10-12 क्विंटल होता है.130 दिन में यह फसल मिल जाती है. काले गेहूं रंग व स्वाद में सामान्य गेहूं से थोड़ा अलग होते हैं, लेकिन बेहद पौष्टिक होते हैं. 

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अब तक मंडी में वैसे भी सभी लोगों ने सुनहरे रंग का ही गेहूं देखा होगा, पर अब मंडी में काला गेहूं देखने को मिल रहा है. गल्ला मंडी, सीहोर में पिछले दिनों यह काला गेहूं बिकने आया, जो हाथोंहाथ बिक जाता है।

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