कोलकाता में रश्मि LED फैक्ट्री एक ऐसी जगह है जहाँ तरह-तरह की LED लाइट्स और बल्ब बनाए जाते हैं। यहाँ का सारा काम मशीनों से होता है, जिससे लाइट्स जल्दी और अच्छी क्वालिटी की बनती हैं।
कैसे बनती हैं LED लाइट्स?
1. कच्चा माल – लाइट्स बनाने के लिए फ्लोरिक कार्बोनेट के छोटे-छोटे दाने लिए जाते हैं। ये दो तरह के होते हैं –
- एक डिफ्यूज़र के लिए, जिससे रोशनी बाहर आती है।
- दूसरा बेस के लिए, जिससे रोशनी नहीं निकलती।
2. आकार देना – इन दानों को मशीनों में गर्म करके ट्यूब जैसा बनाया जाता है। फिर ठंडे पानी से ठोस कर दिया जाता है।

3. छेद और कटाई – मशीन से इनमें छोटे छेद किए जाते हैं और तय साइज (2 फीट, 4 फीट) में काट दिया जाता है।
4. वायरिंग और फिक्सिंग –
- अंदर MCB बोर्ड लगाया जाता है, जिससे LED चिप्स और ड्राइवर जुड़ते हैं।
- तारों को जोड़कर फिक्स किया जाता है।
- लाइट को जलाकर चेक किया जाता है।

5. फाइनल टच –
- लाइट पर लेजर प्रिंटिंग होती है, जिससे ब्रांड का नाम हमेशा दिखे।
- फिर टेस्ट के बाद पैक कर दिया जाता है।
- रश्मिका बल्ब – इन्वर्टर वाला बल्ब
यह एक खास बल्ब है, जिसमें बैटरी और इन्वर्टर लगे होते हैं। यह जब बिजली से जुड़ा होता है, तो बैटरी चार्ज होती रहती है। बिजली जाने के बाद भी यह जलता रहेगा। यह अलग-अलग रंगों में आता है, जैसे –
- त्रिरंगा लाइट
- रेनबो लाइट

स्मार्ट स्ट्रीट लाइट – जो कैमरा भी है
यह एक खास लाइट है, जिसमें कैमरा लगा होता है। इसके पीछे सोलर पैनल और बैटरी होती है, जिससे यह बिना बिजली के भी जलती है। इसे WiFi या GPS से जोड़ा जा सकता है, जिससे यह निगरानी के लिए भी काम आती है।
अन्य प्रोडक्ट
- रोप लाइट्स – जिन्हें घर या बाहर कहीं भी लगाया जा सकता है।
- फैन बल्ब – यह एक बल्ब है, जो 50 बल्बों जितनी रोशनी देता है।

निष्कर्ष
अभिषेक तोशनीवाल की रश्मि LED फैक्ट्री नई तकनीक से अच्छी क्वालिटी की लाइट्स बनाती है। यहाँ का हर काम मशीनों से होता है, जिससे लाइट्स टिकाऊ और सस्ती होती हैं। यह फैक्ट्री भारत में रोशनी का नया दौर ला रही है!
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