भिम भाई की मशहूर उम्बादियु – सर्दियों की खास पारंपरिक डिश


भारत में पारंपरिक व्यंजन हमेशा से खास रहे हैं और हर मौसम के अनुसार अलग-अलग पकवान बनाए जाते हैं। सर्दियों में कुछ खास व्यंजन बनाए जाते हैं जो ठंड में गर्मी और ऊर्जा देते हैं। ऐसी ही एक खास डिश है "उम्बादियु" जिसे भिम भाई पिछले 20 सालों से बना रहे हैं। यह व्यंजन खासतौर पर सर्दियों में ही बनाया और खाया जाता है। इसे मिट्टी के मटके में पकाया जाता है जिससे इसका स्वाद और सुगंध अनोखी हो जाती है।

वडियो बनाने की प्रक्रिया
1. सामग्री का चयन
उम्बादियु बनाने के लिए सबसे पहले आलू शकरकंद लटगंट और भुट्टे को लिया जाता है। इन सभी सब्जियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा जाता है।

2. मसालों की तैयारी
इन सब्जियों में धनिया पाउडर नमक गरम मसाला अजवाइन हल्दी और थोड़ा तेल मिलाया जाता है। इससे डिश में मसालेदार और चटपटा स्वाद आता है।
3. हरी चटनी का उपयोग
उम्बादियु में एक खास तरह की हरी चटनी भरी जाती है। यह चटनी पारंपरिक तरीके से पत्थर की ओखली में पीसी जाती है। इसे बनाने के लिए हरा धनिया हरी मिर्च नींबू का रस और कुछ अन्य मसाले मिलाए जाते हैं। इस चटनी को आलू और अन्य सब्जियों में भरा जाता है जिससे डिश का स्वाद और भी बढ़ जाता है।

4. मटके में भरना और पकाना
अब इस मिश्रण को मिट्टी के मटके में भरा जाता है। मटके को ऊपर तक भरकर पत्तों से ढका जाता है ताकि पकने के दौरान उसमें सुगंध और नमी बनी रहे। मटके को छोटे-छोटे उपलों से चारों तरफ से ढक दिया जाता है। इस प्रक्रिया में खास ध्यान रखा जाता है कि मटके के अंदर हवा न लगे जिससे खाना धीरे-धीरे अच्छे से पक सके।

5. पकाने का समय
इस पारंपरिक तरीके से मटके में उम्बादियु को लगभग 1 घंटे तक पकाया जाता है। धीरे-धीरे उपलों की आंच से मटके के अंदर की सामग्री पककर एकदम तैयार हो जाती है।
6. परोसने की विधि
एक बार जब उम्बादियु पककर तैयार हो जाती है तो मटके को कपड़े की सहायता से उठाया जाता है। फिर इसमें से गरमागरम उम्बादियु निकाली जाती है और टोकरियों में रखी जाती है। इसे कपड़े से ढककर गर्म रखा जाता है ताकि इसका स्वाद और ताजगी बनी रहे।

भिम भाई की उम्बादियु की खासियत
भिम भाई पिछले 20 सालों से यह पारंपरिक डिश बना रहे हैं। यह व्यंजन केवल सर्दियों में ही तैयार किया जाता है और अपने अनोखे स्वाद और सुगंध के कारण बहुत लोकप्रिय है। मिट्टी के मटके में पकने से इसका स्वाद और भी गहरा और खास हो जाता है। अगर आप कभी सर्दियों में भिम भाई की मशहूर उम्बादियु खाने का मौका पाएं तो इसे जरूर आजमाएं!
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