दुनिया की सबसे यूनिक साइकिलों का निर्माता


रिटायर्ड इंजीनियर ने दुनिया की सबसे अजीबो-गरीब साइकिल बनाने में अपना सालों का तजुर्बा लगा दिया और बनाई ऐसी अद्भुत प्रकार की साइकिलें, जिन्हें देखकर आप दंग रह जाएंगे, जो मल्टीपरपज है। लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कई एक्सरसाइजिंग साइकिल बनाई गई है तथा इसी के साथ ट्रेवलिंग करने हेतु इलेक्ट्रिक साइकिल तथा साथ ही पेंडल द्वारा चलने वाली साइकिल का निर्माण भी किया गया है। साइकिल बनाने के अपने इस शौंक को इन्होंने किस प्रकार कलाकारी से भरी प्रयोगशाला तक पहुंचा दिया आये जानते हैं सुधीर भावे जी से।विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति करती दर्जनों प्रकार की साइकिलें अपने आप में अलग-अलग विशेषताएं रखती है, इनमें प्रमुख साइकिलों की जानकारी निम्नवत् हैं-
अधिक सामान कैरी करने वाली साइकिल:
एक ऐसी शानदार साइकिल जिसको आवश्यकता अनुसार छोटा-बड़ा किया जा सकता है। यदि साइकिल पर कुछ सामान कैरी करना हो तो इसके पिछले पहिए को उठाकर और पीछे की तरफ स्ट्रेच कर देते हैं, जिससे साइकिल का आकार बड़ा हो जाता है और उसके पीछे बड़ी जाली रूपी बकेट फिट हो जाती है, जिसमें विभिन्न सामानों को रखा जाता है। इसका टेक्निकल एडवांटेज यह भी है कि इसमें सेंटर ऑफ ग्रेविटी बीच में आ जाता है, जिस कारण इस लोड को खींचने में अधिक बल की आवश्यकता नहीं होती।
एक्सरसाइजिंग साइकिलें:
पूरी बॉडी को चलाने वाली इस साइकिल में नीचे रोलिंग गरारी लगी होती है, जिससे पेंडल को आगे-पीछे करने पर वह गोल घूम जाता है और साइकिल आगे चल पड़ती है, ऐसी साइकिल आमतौर पर जिम में देखने को मिलती है लेकिन वह स्थिर होती है।
इसी के साथ हाथ को आगे-पीछे करके चलाने वाली साइकिल भी कमाल की है। यह साइकिल जिम में बटरफ्लाई सेट वाली मशीन की तरह कार्य करती है, जो पूरी बॉडी की एक्सरसाइज सुचारू रूप से करती है। इसको चलाने पर ऐसा लगता है जैसे नाव में बैठकर चप्पू चला रहे हो। एक्सरसाइज करने के साथ-साथ शुद्ध नेचुरल हवा का आनंद भी लिया जाता है, इसलिए यह साइकिल जिम में उपयोग होने वाली मशीनों से कहीं अधिक बेहतर है।
आधे पहिए वाली साइकिल:
दिखने में एकदम शानदार और यूनिक इस साइकिल में आगे की तरफ पूरा तथा पीछे आधे-आधे दो पहिए अलग-अलग स्थान पर लगे हुए हैं। इसका बेसिकली कॉन्सेप्ट यह है कि जैसे साइकिल आगे बढ़ती है तो पिछले पहिए का आधा भाग जमीन के संपर्क में आता है और जैसे ही वह घूमता है तो पिछला भाग उसका स्थान ले लेता है, इसी प्रकार यह चक्र चलता रहता है। यह ऐसी साइकिल जिसे कोई देखे तो देखा ही रह जाए।
इलेक्ट्रिक साइकिल:
सामान्य साइकिल से कम लंबाई की यह साइकिल देखने में तो यूनिक है ही साथ में चलाने में भी डबल फायदे की है। इसमें मोटरसाइकिल का सोकर लगे हैं जो इस पर बैठने वाले को काफी आराम पहुंच जाते हैं। तथा 10 एंपियर की बैटरी इसको करीब 50 किलोमीटर तक चलने की क्षमता प्रदान करती है। यदि बैटरी रास्ते में खत्म हो जाए तो इसमें पेंडल अगले पहिए पर लगे हैं जिनको बिना किसी चेंज के डायरेक्ट चलाया जा सकता है। इस साइकिल में चैन का प्रयोग नहीं किया हुआ है। पिछले पहिए पर बैटरी का सिस्टम तथा अगले पर पैंडल मारकर चलाने की सुविधा उपलब्ध। सुधीर भाऊ का यह कुछ नया कर गुजरने का जज्बा उनसे ऐसे रोचक और शानदार कार्य करवाता है, इनका खुद का वर्कशॉप ना होते हुए भी यह महीने में नई डिजाइन की एक साइकिल औसतन तैयार कर देते हैं। ऐसे महानुभावों से हमें भी प्रेरणा लेनी चाहिए दोस्तों कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा ऐसे ही शानदार जानकारी के लिए जुड़े रहे "द अमेजिंग भारत" के साथ। धन्यवाद॥
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