जब किसी शादी या खास मौके पर आप किसी सुंदर बैनर पर लिखा हुआ “आपका हार्दिक स्वागत है” या “नामदेव परिवार” जैसे शब्द पढ़ते हैं तो शायद ही ध्यान जाता है कि यह काम मशीन से नहीं, किसी इंसान के हाथों की मेहनत और कला का नतीजा है।
इंदौर में रहने वाले मोसिन जी पिछले 25 सालों से यही सुंदर काम कर रहे हैं। ये वेलवेट कपड़े, चुन्नी, और थर्माकोल बैनर पर हाथों से हिंदी, उर्दू और इंग्लिश में नाम, संदेश और शुभकामनाएँ लिखते हैं। उनकी कला देखकर कोई भी हैरान रह जाए क्योंकि उन्होंने इसे इतने अभ्यास और प्यार से सीखा है कि हर मात्रा, अक्षर, और शब्द का आकार बिल्कुल बराबर होता है।

कैसे होती है यह सुंदर कलाकारी
1. वेलवेट कपड़े पर नाम लिखना
सबसे पहले वेलवेट कपड़ा तैयार किया जाता है, जो एकदम मुलायम और शानदार दिखता है। फिर उस पर पीले रंग की खास इंक यानि स्याही से नाम लिखा जाता है। ये इंक खुद मोसिन जी बनाते हैं। जैसे ही इंक से नाम लिखा जाता है उस पर ग्लिटर पाउडर डाला जाता है जिससे शब्दों में चमक आ जाती है। इसके बाद ब्रश से कपड़े को धीरे-धीरे साफ किया जाता है ताकि जो बची हुई ग्लिटर है वह हट जाए और लिखा हुआ हिस्सा चमकता रहे।

2. चुन्नी पर उर्दू में नाम लिखना
जब दुल्हन के लिए नेट की चुन्नी पर नाम या शुभकामना लिखनी होती है तो पहले उस पर चॉक से हल्का सा डिजाइन बनाया जाता है। फिर एक खास पेस्ट से लिखा जाता है। इस पेस्ट में कई चीज़ें होती हैं, जैसे गुएल (गोंद जैसा पदार्थ) ताकि ग्लिटर अच्छी तरह से चिपके। जैसे ही यह पेस्ट से लिखा जाता है उस पर ग्लिटर डाली जाती है। उसके बाद 4 से 5 घंटे तक इसे सूखने दिया जाता है। फिर ब्रश से धीरे-धीरे सफाई की जाती है, जिससे फिनिशिंग आ जाती है और चुन्नी पर नाम बहुत ही सुंदर दिखता है।

3. थर्माकोल पर बैनर बनाना
शादी, सगाई या किसी समारोह के लिए थर्माकोल से तैयार बैनर पर भी मोसिन जी सुंदर शब्दों में आपका हार्दिक स्वागत है और नामदेव परिवार जैसे संदेश लिखते हैं।
थर्माकोल पर भी यही तकनीक अपनाई जाती है – पहले डिज़ाइन किया जाता है फिर पेस्ट से अक्षर, फिर और ग्लिटर अंत में सफाई।
हर फॉन्ट में लिखना – मोसिन जी की खासियत
मोसिन जी हर तरह के फॉन्ट में लिखना जानते हैं। चाहे वह देवनागरी हो, उर्दू की जालीदार शैली हो, या फिर इंग्लिश की कर्ली राइटिंग उनकी कलाकारी हर स्टाइल में दिखाई देती है। उन्होंने यह सब किसी स्कूल या क्लास में नहीं सीखा बल्कि लिखते-लिखते, गलतियाँ करते हुए धैर्य और लगन से खुद सीखा। आज उनकी कला इतनी साफ और सुंदर है कि हर अक्षर देखने में जैसे मशीन से कटा हुआ लगता है लेकिन वो जानते हैं कि यह सिर्फ उनके हाथों की मेहनत और अनुभव का असर है।
हर दिन 50 से ज़्यादा डिज़ाइन बनाना
आज मोसिन जी इतने एक्सपर्ट हो गए हैं कि वो हर दिन करीब 50 डिज़ाइन तैयार कर लेते हैं। शादी वाले सीजन में उनके पास काम की कोई कमी नहीं होती। लोग उन्हें पहले से बुक कर लेते हैं ताकि उनकी शादी या फंक्शन में बैनर, चुनरी या साज-सज्जा में कोई कमी न रहे।
निष्कर्ष: हाथ की कला, दिल से जुड़ी मेहनत
मोसिन जी की यह कला हमें यह सिखाती है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता। अगर आप दिल से मेहनत करें और हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश करें तो आप अपने काम को कला में बदल सकते हैं। उनके हाथों से लिखा हर शब्द सिर्फ स्याही नहीं, बल्कि प्यार, अनुभव और सौंदर्य का मिला-जुला रूप होता है।आज जब सब कुछ कंप्यूटर और प्रिंटर से छपने लगा है मोसिन जी जैसे लोग हमें याद दिलाते हैं कि हाथों की कलाकारी का अपना एक अलग ही जादू होता है।
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