फुली ऑटोमैटिक मशीन से बनने वाले नूडल्स की फैक्ट्री – मुजफ्फरपुर


आज हम पहुंचे हैं मुजफ्फरपुर की एक फैक्ट्री में, जहां नूडल्स बनाने का सारा काम ऑटोमैटिक मशीनों से होता है। इस फैक्ट्री के मालिक धर्मेंद्र ठाकुर जी हैं। यहां पर नूडल्स बनाने की पूरी प्रक्रिया मशीनों से होती है, जिससे कम समय में ज्यादा उत्पादन हो पाता है।
नूडल्स बनाने की प्रक्रिया
1. मैदा मिक्स करना
सबसे पहले मैदा को मिक्स करने की प्रक्रिया होती है। एक बड़ी मिक्सचर मशीन में 50 किलो मैदा डाली जाती है। इसके बाद इसमें थोड़ा पानी मिलाया जाता है और मशीन को 5 से 7 मिनट तक चलाया जाता है। जब मैदा अच्छी तरह से मिक्स हो जाती है, तो यह नूडल्स बनाने के लिए तैयार हो जाती है।

2. हॉपर में डालना
मिक्स किया हुआ आटा हॉपर नाम की मशीन में डाला जाता है। इसमें एक बार में 20 किलो तक मिश्रण आ सकता है। यह मशीन पूरी तरह से ऑटोमैटिक है और इसे ज्यादा हाथ से चलाने की जरूरत नहीं होती।

3. नूडल्स की पट्टी बनाना
मशीन का स्विच ऑन करने के बाद मैदा की पतली पट्टी बाहर निकलती है। यह मैदा की पट्टी को अपने आप बेलन से बेलती रहती है और आगे जाकर नूडल्स का आकार ले लेती है।
4. नूडल्स काटना
मशीन में लगे कटर की मदद से इन पट्टियों को छोटे-छोटे नूडल्स के रूप में काटा जाता है। जिस मोल्ड का इस्तेमाल किया जाता है, उसी के अनुसार नूडल्स का आकार बनता है।
5. कन्वेयर बेल्ट से आगे बढ़ना
कटी हुई नूडल्स की स्ट्रिप्स कन्वेयर बेल्ट के जरिए आगे बढ़ती रहती हैं। यह पूरी तरह से ऑटोमैटिक प्रक्रिया होती है, जिससे नूडल्स बिना किसी रुकावट के बनते रहते हैं।

6. स्टीमर में पकाना
इसके बाद नूडल्स को स्टीमर में पकाया जाता है। एक बार में 70 किलो नूडल्स पकाए जाते हैं। स्टीमर को पहले 10-15 मिनट तक गर्म किया जाता है। स्टीमर के नीचे पानी गर्म होकर भाप बनाता है, जिससे नूडल्स अच्छी तरह से पक जाते हैं।

7. सूखने के लिए भेजना
स्टीमिंग के बाद नूडल्स को 200 ग्राम के टुकड़ों में काटकर ट्रे में रखा जाता है। फिर इन्हें ड्रायर रूम में ले जाया जाता है, जहां ये 10 से 12 घंटे में पूरी तरह सूख जाते हैं। इस रूम में पंखे लगे होते हैं, जिससे नूडल्स जल्दी सूखते हैं।

8. पैकिंग और बिक्री
जब नूडल्स सूख जाते हैं, तो उन्हें पैकिंग के लिए भेजा जाता है। इन्हें अलग-अलग वजन में पैक किया जाता है, ताकि इन्हें बाजार में आसानी से बेचा जा सके।

फैक्ट्री की खासियत
- यह फैक्ट्री फुली ऑटोमैटिक मशीनों से चलती है, जिससे उत्पादन तेजी से होता है।
- साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है, जिससे नूडल्स शुद्ध और सुरक्षित होते हैं।
- कम मेहनत में ज्यादा नूडल्स तैयार किए जाते हैं, जिससे बिजनेस की ग्रोथ तेजी से होती है।
निष्कर्ष
मुजफ्फरपुर की यह फैक्ट्री दिखाती है कि कैसे मशीनों का उपयोग कर काम को आसान और तेज़ बनाया जा सकता है। पूरी प्रक्रिया ऑटोमैटिक होने से समय और मेहनत दोनों की बचत होती है। इस तरह की फैक्ट्रियों से नार्मल लोगों को रोजगार भी मिलता है और ग्राहकों को साफ और अच्छे नूडल्स खाने को मिलते हैं।
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