हाथों की जादूगरी कांच को तरास कर बनाते हैं शानदार डिजाइन


हिंदुस्तान में विकसित एक ऐसी कला जो मुगल काल से चलती आ रही है और वह आज भी भारत में अपना स्थान बनाए हुए है। हाथों की कलाकारी द्वारा कांच को तराश कर उसके बना देते हैं विभिन्न डिजाइन। शीशे से शीशा मिलते ही बदल जाता है उसका रंग। साधारण से शीशे पर इनका हाथ लगते ही बन जाता है वह अनमोल। आये जानते हैं यह किस प्रकार इस शानदार कार्य को करते है।

शीशे को घिसकर डिजाइन बनाने की कला:
यह पहले निश्चित तथा आवश्यकतानुसार आकार में शीशे को एक विशेष पेन से काटते हैं, जिसकी नोक पर हीरा लगा होता है। इसी तरह का कंपास भी है, जो शीशे की गोल कटिंग करता है। कटिंग हो जाने के बाद अतिरिक्त भाग को हटा देते हैं और वह गोल शीशा एक खुरदरे रूप में प्राप्त होता है। अब इस शीशे को मशीन पर चारों तरफ से हाथों की कलाकारी का हुनर दिखाते हुए विशेष डिजाइन में घिसते हैं। यह डिजाइन एक निश्चित पैटर्न में जिग-जैग या कोई बेलदार डिजाइन में हो सकता है, जो देखने में एकदम अद्भुत लगता है।

शीशे का कलर बदलना:
कोई भी साधारण ट्रांसपेरेंट शीशा हो तो ये उसका कलर भी बड़ी आसानी से बदल सकते हैं। इसके लिए दो शीशों को आपस में एक विशेष प्रकार के ग्लू से चिपकाया जाता है और जैसे ही वह ग्लू कांच की सतह पर फैलती है तो उसका रंग खुद-ब-खुद परिवर्तित हो जाता है। तथा फिर इसे थोड़ी देर के लिए ब्लू रेस की लाइट के सामने सूखाते है, जो सूखने पर एकदम परमानेंट हो जाता है।

कांच की शील्ड बनाना:
बहुत ही जल्दी मिनटों में अपनी कलाकारी से यह शील्ड का निर्माण भी कर देते हैं। इसके लिए सबसे पहले दो चिपके हुए प्रवर्तित रंगों के कांच नीचे शील्ड के आधार के रूप में प्रयोग करते हैं। अब इस आधार के ऊपर एक और छोटी पट्टी चिपकाई जाती है तथा उसके ऊपर अंडाकार गोलाई में तराशे हुए शीशे को चिपका देते हैं। तो यह एक प्रकार से शील्ड बनकर तैयार हो जाती है तथा इस पर कंप्यूटर की सहायता से प्रिंटिंग या कोई स्टिकर आदि चिपका देते हैं।

कांच पर प्रिंटिंग की कलाकारी:
कंप्यूटर की सहायता से कांच के अंदर भी ऐसी शानदार प्रिंटिंग होती है, जो एकदम लाजवाब लगती है तथा पेपर वेट, पेन स्टैंड आदि कांच से बनाए जाने वाले प्रमुख प्रोडक्ट हैं तथा इन प्रोडक्ट्स पर अपना लॉगों या फोटो बड़ी ही खूबसूरती के साथ प्रिंट करवा सकते हैं। तो दोस्तों अपने जाना किस प्रकार कांच को तरस कर विभिन्न प्रकार के डिजाइन बनाए जाते हैं इस कार्य को यह करीब 30 साल से करते आ रहे हैं। आपको कैसी लगी यह जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा ऐसे ही रोचक तथ्यों के लिए जुड़े रहे "द अमेजिंग भारत" के साथ। धन्यवाद॥ जय हिंद॥
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