मुकेश भाई की अनोखी खोज: दुनिया की सबसे छोटी चक्की और हैमर मशीन

16 Feb 2025 | Amazing Talent
मुकेश भाई की अनोखी खोज: दुनिया की सबसे छोटी चक्की और हैमर मशीन

राजकोट के रहने वाले मुकेश भाई ने ऐसा कमाल कर दिखाया है, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह जाएगा। उन्होंने एक छोटी आटा पीसने वाली चक्की और एक छोटी हैमर मशीन बनाई है, जो बिल्कुल बड़ी मशीनों की तरह काम करती हैं।

छोटी आटा चक्की

यह एक इलेक्ट्रिक चक्की है, जो स्विच से चलती है। जैसे बड़ी चक्की में अनाज डालने पर नीचे से पिसा हुआ आटा निकलता है, वैसे ही यह छोटी चक्की भी काम करती है। इसमें 12 वोल्ट की मोटर लगी है, जो एक पट्टे से चक्की को घुमाती है, जिससे अनाज पिसता रहता है। यह दिखने में भी बड़ी चक्की की तरह ही बनाई गई है।

मुकेश भाई की अनोखी खोज: दुनिया की सबसे छोटी चक्की और हैमर मशीन_3829


मुकेश भाई ने इस चक्की को बनाने में 1 महीने का समय लगाया और इसे 3 महीने पहले तैयार कर लिया था। इसके अलावा, उन्होंने एक और थोड़ी बड़ी चक्की भी बनाई है, जो और ज्यादा अनाज पीस सकती है । इसमें भी 12 वोल्ट की मोटर लगी है,

छोटी हैमर मशीन

हैमर मशीन वह मशीन होती है, जिससे धातु के छोटे-छोटे पार्ट बनाए जाते हैं। मुकेश भाई ने बिल्कुल बड़ी हैमर मशीन जैसी एक छोटी मशीन तैयार की है। इसमें भी सभी जरूरी पार्ट्स लगे हैं, और यह पूरी तरह से काम करने वाली मशीन है। इस मशीन में एक बटन दिया गया है, जिसे दबाने पर यह चालू हो जाती है और छोटी-छोटी धातु की चीजें बनाने का काम कर सकती है।

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भाप से चलने वाला ट्रेन और ट्रैक

इतना ही नहीं, मुकेश भाई ने एक ब्रास (पीतल) का भाप से चलने वाला इंजन भी बनाया है। साथ ही, उन्होंने साढ़े तीन फीट का इलेक्ट्रिक ट्रेन ट्रैक भी तैयार किया है। इस ट्रैक पर इलेक्ट्रिक वायर लगाए गए हैं, जिससे ट्रेन आगे की तरफ चलती है। इसमें अलग-अलग ट्रैक को जोड़ने का भी सिस्टम बनाया गया है, जिससे इसे और लंबा किया जा सकता है।

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निष्कर्ष

मुकेश भाई की ये अनोखी मशीनें यह साबित करती हैं कि यदि किसी में हुनर और मेहनत करने की लगन हो, तो कुछ भी संभव है। उनकी यह खोज न केवल नई तकनीक का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि छोटे स्तर पर भी बड़ी चीजें बनाई जा सकती हैं। मुकेश भाई की इन उपलब्धियों से प्रेरित होकर, हम सभी को अपने कौशल और संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करते हुए नवाचार की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। उनकी मेहनत यह दर्शाते हैं कि सीमित संसाधनों के बावजूद, यदि इरादा मजबूत हो, तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।


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