गंदे पानी का सही इस्तेमाल: एक अनोखी पहल

27 Jan 2025 | Inspiration
गंदे पानी का सही इस्तेमाल: एक अनोखी पहल

बेंगलुरु के एक अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों ने एक ऐसा तरीका निकाला है, जो पानी बचाने और उसका सही इस्तेमाल करने में मदद करता है। करीब 80-90 फ्लैट्स वाले इस अपार्टमेंट में अब गंदे पानी को फेंकने की बजाय साफ करके फ्लशिंग और गार्डनिंग के लिए दोबारा इस्तेमाल किया जा रहा है।

कैसे काम करता है ये सिस्टम तो जनते है

सभी फ्लैट्स से गंदा पानी सबसे पहले एक कलेक्शन टैंक में जमा होता है। इस टैंक में मोटर लगी होती है जो पानी को एक और टैंक में भेजती है जिसे बफर टैंक कहते हैं। यहां पर गंदगी और भारी कण नीचे बैठ जाते हैं, जिसे स्लज कहते हैं।

गंदे पानी का सही इस्तेमाल: एक अनोखी पहल_1017


इसके बाद ये पानी एक खास मॉड्यूल में जाता है। मॉड्यूल क्या है ये मिट्टी खास पौधों और परतों से बना एक सिस्टम है। इसमें कैनास नाम का पौधा लगा होता है, जो पानी में ऑक्सीजन पहुंचाता है। पानी जब इस मॉड्यूल से गुजरता है, तो धीरे-धीरे साफ हो जाता है।

साफ पानी का कैसे उपयोग करते है

जो पानी मॉड्यूल से साफ होकर निकलता है, उसे एक टैंक में जमा कर लिया जाता है। फिर इसे पाइप्स के जरिए गार्डन में पौधों को पानी देने और टॉयलेट की फ्लशिंग के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

क्या फर्क पड़ता है इससे

आप सोचिए  एक व्यक्ति रोजाना करीब 130-135 लीटर पानी इस्तेमाल करता है। इसमें से 80% पानी गंदा होकर बहा दिया जाता है। लेकिन इस अपार्टमेंट ने वही गंदा पानी साफ करके दोबारा इस्तेमाल करने का तरीका ढूंढ लिया है। इससे बहुत सारा पानी बच रहा है।

गंदे पानी का सही इस्तेमाल: एक अनोखी पहल_1017


और जो गंदगी (स्लज) बचती है

जो गंदगी (स्लज) बफर टैंक और मॉड्यूल में जमा होती है, उसे हर 4 साल में साफ किया जाता है। इसे जैविक खाद के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

कितने मॉड्यूल्स लगते हैं

100 फ्लैट्स के लिए करीब 20 मॉड्यूल्स की जरूरत होती है। ये सभी मॉड्यूल पाइप्स से जुड़े होते हैं, ताकि पानी एक से दूसरे में आराम से बह सके।

गंदे पानी का सही इस्तेमाल: एक अनोखी पहल_1017


क्या हम ऐसा कर सकते हैं

ये सिस्टम दिखाता है कि अगर हम थोड़ा सोचे तो पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है। इस अपार्टमेंट ने साबित कर दिया है कि गंदे पानी को दोबारा इस्तेमाल करना न सिर्फ मुमकिन है बल्कि बहुत आसान भी है। अगर हर जगह लोग ऐसा करना शुरू कर दें तो पानी की कमी जैसी समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकता है। ये एक साधारण लेकिन बेहद जरूरी कदम है जो हर किसी को उठाना चाहिए।



Share

Comment

Loading comments...

Also Read

देसी ताकत का खजाना: सत्तू
देसी ताकत का खजाना: सत्तू

गर्मी का मौसम हो या सर्दी की सुबह,

01/01/1970

Related Posts

Short Details About