सत्यचित: मिट्टी से बना एक अनोखा घर


बेंगलुरु में बना सत्यचित एक ऐसा घर है, जिसे देखकर कोई भी हैरान रह जाएगा। इस घर को शिल्पा जी और नितिन जी ने बड़े ही प्यार और समझदारी से बनवाया है। इसकी खास बात यह है कि यह सिर्फ मिट्टी से बना है, जिससे इसे ठंडा और आरामदायक बनाए रखा जाता है। इस घर की दीवारों से लेकर छत तक सबकुछ प्राकृतिक सामग्री से तैयार किया गया है, जिससे इसका बिजली का बिल भी शून्य है।

घर की खासियतें
1. घर का प्रवेश द्वार और पहली झलक
जैसे ही आप इस घर में प्रवेश करेंगे सबसे पहले तुलसी का पौधा दिखाई देगा। यह न केवल पवित्रता का प्रतीक है ,बल्कि पर्यावरण को भी शुद्ध रखता है। घर में अंदर आते ही मिट्टी से बनी हाथ की डिजाइन की हुई दीवारें नजर आती हैं। इन दीवारों में खराब बोतलों का इस्तेमाल किया गया है जो रोशनी को अंदर आने में मदद करती हैं और एक सुंदर आर्ट का अहसास कराती हैं।

2. घर की दीवारें और उनका अनोखा डिज़ाइन
- एक दीवार पर हैंड आर्ट किया गया है, जिसमें बोतलों और मिट्टी का मेल दिखता है।
- दूसरी दीवार पर पुराने पारंपरिक पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है जिससे गर्मी अंदर कम आती है और ठंडक बनी रहती है।
- पूरे घर की दीवारें मिट्टी और मिट्टी के प्लास्टर से बनयी गई हैं जिससे पूरा घर के अंदर नमी रहती है।
- दीवारों पर साउथ इंडिया की चित्रकारी और मधुबनी आर्ट की गयी है जिससे घर को एक पारंपरिक भारतीय लुक मिला है।

3. घर का अनोखा प्रवेश और पानी का सौंदर्य
- घर में घुसते ही एक ब्रिज (पुल) से होकर गुजरना पड़ता है।
- इस ब्रिज के नीचे पानी का छोटा सा तालाब बनाया गया है जिसमें नेचुरल प्लांट्स और मछलियाँ हैं।
- पानी लगातार एक पंप से रिसाइकिल किया जाता है जिससे इसकी स्वच्छता बनी रहती है।
- यह ब्रिज घर को शांत और प्राकृतिक अनुभव देने के लिए बनाया गया है।

4. दरवाजे और खिड़कियों का पारंपरिक उपयोग
- इस घर के दरवाजे २०० साल पुराने हैं जो राजस्थान की एक पुरानी हवेली से लाए गए हैं।
- घर में लगी टाइल्स इस तरह से लगाई गई हैं कि प्राकृतिक सूरज की रोशनी घर के अंदर आसानी से आ सके।
- खिड़कियाँ बहुत चौड़ी बनाई गई हैं ताकि घर में हवा का प्रवाह बना रहे और बिजली की जरूरत न पड़े।

5. घर की छत और उसकी खास बनावट
- छत को थोड़ा घुमावदार (curve) बनाया गया है ताकि गर्मी अंदर न आ सके।
- छत पूरी तरह मिट्टी की ईंटों (mud blocks) से बनी है जो गर्मी को रोकती हैं।
- इन ईंटों को इंटरलॉकिंग तकनीक से जोड़ा गया है जिससे सीमेंट की जरूरत नहीं पड़ी।
- कुछ हिस्सों में उलटे मटकों का इस्तेमाल किया गया है जिससे ठंडी हवा अंदर आती रहे और घर प्राकृतिक रूप से ठंडा बना रहे।

6.किचन और डाइनिंग एरिया
- किचन पूरी तरह नेचुरल मटेरियल से बनाया गया है।
- यहाँ के बर्तन भी मिट्टी और पीतल के हैं जिससे भोजन में पारंपरिक स्वाद बना रहता है।
- खाने की मेज (डाइनिंग टेबल) लकड़ी की बनी है और परिवार के सभी सदस्य नीचे बैठकर खाना खाते हैं, जिससे स्वास्थ्य भी अच्छा रहे।
- किचन का कचरा से और आर्गेनिक चीज़ो से खाद (compost) बनाई जाती है, जिसे गार्डन में इस्तेमाल किया जाता है।

7.फर्नीचर और सजावट में प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल
- घर में लकड़ी का झूला लगाया गया है जो पूरी तरह प्राकृतिक लकड़ी से बना है।
- सोफा बोट की शेप का बनाया गया है जिससे यह अनोखा और आकर्षक लगता है।
- हर जगह पुराने संदूक और प्राकृतिक स्टोन का उपयोग किया गया है।
- घर में हवा और रोशनी के लिए खासतौर पर प्राकृतिक तरीके अपनाए गए हैं।
8.सोलर पावर और बिजली बचाने का तरीका
- इस घर में सोलर गीजर लगाया गया है जिसकी क्षमता २०० लीटर है।
- घर में सोलर पैनल्स भी लगाए गए हैं जिससे बिजली की खपत बहुत कम होती है।
- प्राकृतिक हवा और रोशनी इतनी अच्छी तरह डिज़ाइन की गई है कि दिन के समय लाइट्स की जरूरत ही नहीं पड़ती।

9.पढ़ने और आराम करने की जगह
- घर में हर खिड़की के पास इतना बड़ा स्पेस दिया गया है कि वहाँ बैठकर किताब पढ़ी जा सके या आराम किया जा सके।
- ऊपरी मंजिल पर अलग से पढ़ाई करने की जगह बनाई गई है।
- हर कोने को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वहाँ बैठकर सुकून महसूस किया जा सके।
निष्कर्ष: एक आत्मनिर्भर और प्राकृतिक घर
सत्यचित एक ऐसा घर है जो दिखने में जितना सुंदर है उतना ही पर्यावरण के अनुकूल भी है। यह घर साबित करता है कि अगर हम प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर चलें तो बिना सीमेंट और आधुनिक सामग्रियों के भी आरामदायक, ठंडा और खूबसूरत घर बनाया जा सकता है।वरुण जी ने यह घर बनाकर एक नई मिसाल कायम की है, जहाँ हर चीज़ प्राकृतिक और आत्मनिर्भर है। यह घर हमें प्रकृति के करीब रहने और आधुनिकता से दूर हटकर सादगी में सुंदरता तलाशने का संदेश देता है।
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