श्री कृष्णा पैकेजिंग इंडस्ट्री: एक आधुनिक फैक्ट्री

28 Dec 2024 | Small Scale Factory
श्री कृष्णा पैकेजिंग इंडस्ट्री: एक आधुनिक फैक्ट्री

श्री कृष्णा जी ने एक ऐसी मेगा फैक्ट्री बनाई है, जहां हर काम नई तकनीक और मशीनों से किया जाता है। यह फैक्ट्री पूरी तरह ऑटोमैटिक है और यहां कच्चे माल से लेकर तैयार सामान तक सबकुछ मशीनों से बनता है। इस फैक्ट्री का नाम श्री कृष्णा पैकेजिंग इंडस्ट्री है।

श्री कृष्णा पैकेजिंग इंडस्ट्री: एक आधुनिक फैक्ट्री_2190


काम करने की प्रक्रिया

1. कच्चा माल तैयार करना

सबसे पहले कच्चा माल "फिलर" और "दाना" के रूप में मशीन में डाला जाता है। मशीन इसे गर्म करके पिघला देती है। इसके बाद इस पिघले हुए दाने से एक पतली "फिल्म" बनाई जाती है।

2.फिल्म को ठंडा करना

यह फिल्म "चिलर" में भेजी जाती है, जहां इसे ठंडा किया जाता है।

3. धागा बनाना

ठंडी फिल्म को "ब्लेड" से काटा जाता है। कटने के बाद इसे "थ्रेड" यानी धागा बनाया जाता है। फिर इस धागे को "ओवन" में गर्म किया जाता है ताकि यह मजबूत हो जाए।

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4. धागे को रोल में लपेटना

ओवन से निकलने के बाद धागे को "रोलर" में भेजा जाता है, ताकि यह टूटे नहीं। इसके बाद यह धागा "वाइंडर" में लपेटा जाता है। वाइंडर में "बॉबिन" नाम की रील होती है, जिस पर धागा लिपटता है।

5. कपड़ा बनाना

इसके बाद यह धागा "लूम" में भेजा जाता है, जहां इसे कपड़े (फैब्रिक) का रूप दिया जाता है। यह कपड़ा बड़े रोल्स के रूप में तैयार होता है। एक रोल का वजन लगभग 250 किलोग्राम होता है।

6. प्रिंटिंग का काम

तैयार रोल्स को दूसरी फैक्ट्री में भेजा जाता है। वहां इन पर जरूरी जानकारी, जैसे कंपनी का नाम, लोगो और उत्पाद की जानकारी प्रिंट की जाती है। इन रोल्स का उपयोग बीओपी बैग्स (BOP Bags) बनाने में किया जाता है।

श्री कृष्णा पैकेजिंग इंडस्ट्री: एक आधुनिक फैक्ट्री_2190


वेस्ट को फिर से उपयोग में लाना

फैक्ट्री में जो भी कचरा, जैसे टेप लाइन और लूम का वेस्ट बचता है, उसे रीसाइक्लिंग करके दोबारा "दाना" बनाया जाता है। इसे "आरपी दाना" कहते हैं। इस प्रक्रिया से कचरे को फिर से उपयोग में लाया जाता है और नए प्रोडक्ट बनाए जाते हैं।

श्री कृष्णा पैकेजिंग इंडस्ट्री: एक आधुनिक फैक्ट्री_2190


निष्कर्ष

श्री कृष्णा पैकेजिंग इंडस्ट्री एक ऐसी फैक्ट्री है, जो आधुनिक तकनीक और पर्यावरण संरक्षण को साथ लेकर चलती है। यहां सब काम मशीनों के जरिए तेज और कुशलता से होता है। साथ ही, फैक्ट्री पर्यावरण का भी पूरा ध्यान रखती है।




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