मिट्टी, गोबर और तकनीक ने रचा सुंदर नमूना


जब लोग जीवन कीदौड़ में तकनीक औरशहरी सुविधाओं के पीछे भागरहे हैं तब एकशख्स ऐसा भी हैजिसने सादगी, परंपरा और प्रकृति केसाथ तालमेल बैठाकर एक ऐसा जीवनबनाया है जो हरकिसी के लिए प्रेरणाबन सकता है। हमबात कर रहे हैंसंजय जी की, जिन्होंनेझांसी और ओडिशा केबीच 2 एकड़ में फैलेअपने फार्महाउस को सिर्फ रहनेकी जगह नहीं बल्किएक जीवंत गांव बना दियाहै जिसेवे An AuthenticVillage फार्म स्टे कहते हैं।
घर जो मिट्टी सेबना, लेकिन सोच से बेहदआधुनिक
इस घर की खासबात है इसका निर्माण।यह घर Red Trap Bond तकनीक से बनाया गयाहै जिसमें ईंटों को खड़ा रखकरदीवारों में खाली जगहछोड़ी जाती है। यहगैप घर को गर्मीऔर ठंड से प्राकृतिकरूप से सुरक्षित रखताहै यानी बिना एसीऔर हीटर के भीघर का तापमान संतुलितबना रहता है। छतपर टेरेकोटा की टाइल्स, फर्शपर सैंडस्टोन, और मोटी दीवारेंसब कुछ घर कोठंडा रखने में मददकरते हैं।
घर दो मंजिला हैजिसमें एक छोटा कमराऊपर है एक छोटासा मंदिर है जहाँ संजयजी और उनका परिवारनियमित पूजा करते हैं।अंदर घुसते ही एक ठंडकऔर शांति का अहसास होताहै।

इस फार्म की एक औरखूबी है 12 साल पुराना बायोगैसप्लांट जो आज भीपूरी तरह काम करताहै। यहाँ साहीवाल नस्लकी 4 गायें हैं जिनके गोबरको पानी मिलाकर टैंकमें डाला जाता है।एनेरोबिक प्रक्रिया से इसमें मिथेनगैस बनती है जोपाइप के ज़रिए सीधेकिचन तक जाती है।यहाँ 2 चूल्हे और 2 ग्रिलिंग पॉइंट्सहैं पूरी तरह सेगोबर गैस से संचालित।
खानापूरी तरह सात्विक औरशाकाहारी बनता है औरइसके लिए फार्म कीसूखी लकड़ियों का ही प्रयोगकिया जाता है।

खेती- पूरी तरह जैविक
संजयजी अपने फार्म मेंगेहूं, सरसों, और 200 पपीते के पेड़ उगातेहैं। खेती पूरी तरहऑर्गेनिक है और सिंचाईके लिए फॉयल्ड इरिगेशनसिस्टम का उपयोग होताहै। हर पेड़ सेछोटी नालियाँ जुड़ी हैं जिससे बिनाज़्यादा मेहनत के पानी पहुँचताहै।
जीवाअमृत, एक जैविक खादजो गोबर, गोमूत्र और बेसन सेबनाई जाती है खेतोंमें डाली जाती है।यह केचुओं को आकर्षित करतीहै जो ज़मीन मेंछेद बनाकर पानी को भीतरतक जाने में मददकरते हैं इससे मिट्टीकी उर्वरता बढ़ती है।

रेनवाटर हार्वेस्टिंग और ज़ीरो वेस्टसिस्टम
यह फार्म पूरी तरह ज़ीरोवेस्ट सिस्टम पर आधारित है।बारिश का पानी औरकिचन वेस्ट दोनों को विशेष नालियोंके माध्यम से एक जगहइकट्ठा किया जाता हैफिर उसे सैंड, चारकोलऔर स्टोन फिल्टर से गुजार करजमीन में भेजा जाताहै। इस प्रक्रिया सेपानी पूरी तरह शुद्धहोकर धरती में समाजाता है।
खेल,संस्कृति और सीखने कीजगह
बच्चेमोबाइल की दुनिया सेबाहर आकर यहाँ मिट्टीमें खेलते हैं। फार्म केबीचोंबीच बनी है “नक्षत्रवाटिका” – जहाँ साँप-सीढ़ीका बोर्ड बना है जिसपर बच्चे फोन के नंबरकी तरह खेलते हैं।यह सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, बल्किपरंपरा और ज्ञान कासंगम भी है।

एक प्रेरणा – आत्मनिर्भर भारत की असलीतस्वीर
संजयजी का यह फार्मसिर्फ एक घर नहीं,एक दर्शन है सस्टेनेबिलिटी,आत्मनिर्भरता और प्राकृतिक जीवनशैलीका अद्भुत संगम। यहाँ की हरचीज़ सोच-समझकर बनाईगई है पर्यावरण केअनुरूप, संसाधनों की बचत केसाथ और बिना प्रकृतिको नुकसान पहुँचाए। यह फार्म आजकी पीढ़ी के लिए एकसजीव उदाहरण है कि कैसेहम मॉडर्न टेक्नोलॉजी और पारंपरिक ज्ञानको मिलाकर एक बेहतर, टिकाऊऔर शांत जीवन बनासकते हैं।
अगरआप भी एक ऐसाजीवन चाहते हैं जहाँ शांतिहो, स्वास्थ्य हो, और आत्मनिर्भरताहो तो संजय जीका “An AuthenticVillage Farm” एक जीवंत प्रेरणा है।
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