आपने आम दीपक तो कई बार देखे होंगे, लेकिन क्या कभी ऐसा दीपक देखा है जिसमें आप नीचे से तेल डालें और वह ऊपर से निकले? जी हां, यह कोई जादू नहीं, बल्कि उदयपुर के कारीगरों की अनोखी कला है। यहां एक ऐसा जादुई दीपक बनाया जाता है जो देखने में साधारण लगता है, लेकिन जब आप उसे उल्टा करके नीचे से पानी या तेल डालते हैं तो वह नीचे से नहीं गिरता। और जब आप उसे सीधा करके बत्ती वाली जगह से जलाते हैं, तो वहीं से तेल बाहर आता है। यह अनोखा दीपक न केवल देखने में सुंदर है बल्कि बच्चों और बड़ों को हैरान भी कर देता है।

आवाज बदलने वाली डॉल और चिड़िया
यहां एक और खास चीज है एक डॉल, जिसे जैसे ही आप बजाएंगे, एक खास आवाज आएगी। लेकिन अगर उसी में थोड़ा पानी भर दिया जाए और फिर बजाया जाए, तो आवाज बदल जाएगी। इसी तरह की चिड़िया भी बनाई जाती है अगर आप उसमें फूंक मारें तो एक अलग आवाज निकलती है, और पानी भरकर फूंक मारें तो दूसरी। ये खिलौने बच्चों को बहुत पसंद आते हैं और वे इनसे घंटों खेल सकते हैं।
हैंगिंग डॉल्स और स्प्रिंग वाले खिलौने
यहां की लकड़ी की हैंगिंग डॉल्स भी बहुत खास हैं। इन डॉल्स को आप घर में सजा भी सकते हैं और बच्चे इन्हें खेल में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पांच डॉल्स के एक सेट में सबसे बड़ी डॉल को ‘दादी माँ’ कहा जाता है। एक खास डॉल तो ऐसी होती है जिसमें नीचे स्प्रिंग लगी होती है आप उसे दबाएं तो वह पूरी तरह से हिलने लगती है, जैसे सचमुच में जिंदा हो गई हो।
मिट्टी से बने सुंदर खिलौने और बर्तन
उदयपुर में मिट्टी से बने हाथी, घोड़े, पुराने ज़माने की ठंडी पानी की बोतलें और मिट्टी के प्याले भी मिलते हैं। ये चीजें एक तरफ तो हमारी संस्कृति की याद दिलाती हैं, दूसरी तरफ सजावट और बच्चों के खेलने के लिए भी शानदार होती हैं। मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कारीगर इस काम को पिछले 50 सालों से कर रहे हैं और इनका काम इतना सुंदर है कि लोग दूर-दूर से खरीदने आते हैं।

लकड़ी के पेन और अनोखी आवाज़ वाली गाड़ी
एक दुकान पर लकड़ी से बना खास पेन मिलता है, जिस पर लिखा होता है I Love Udaipur। यह पेन दिखने में बहुत सुंदर होता है और एक अनोखी पहचान बनाता है। वहीं एक खिलौना गाड़ी भी है जो जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, ऊपर-नीचे होती है और "डम डम" की आवाज करती है बच्चों के लिए बहुत मनोरंजक।

उदयपुर की मशहूर मीनाकारी और मिनिएचर पेंटिंग
यहां केवल खिलौने ही नहीं, बल्कि सुंदर और महीन ज्वेलरी भी बनाई जाती है जिसे मीणा ज्वेलरी कहते हैं। ये जेवर देखने में इतने सुंदर और हल्के होते हैं कि हर कोई इनका दीवाना हो जाता है। इसके अलावा यहां की एक खास कला है मिनिएचर पेंटिंग, जिसे सिल्क के कपड़े पर ब्रश और कोर्स से बनाया जाता है। इस पेंटिंग में जो ब्रश इस्तेमाल होते हैं वो खास स्क्वायर एंड और पतले बालों वाले होते हैं। इतना ही नहीं, इस परिवार के काका जी को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी नाम मिला हुआ है।
निष्कर्ष
उदयपुर सिर्फ झीलों और महलों का शहर नहीं है, बल्कि यहाँ की हस्तशिल्प कला भी दुनिया भर में अपनी अलग पहचान रखती है। चाहे वो जादुई दीपक हो, आवाज़ बदलने वाले खिलौने, मिट्टी के बर्तन हों या महीन मिनिएचर पेंटिंग यह सब उदयपुर को एक सांस्कृतिक खजाना बनाते हैं। अगर आप कभी उदयपुर जाएं, तो इन अनोखी चीजों को ज़रूर देखें और स्थानीय कारीगरों की मेहनत को सराहें।
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