आज के दौर में जब बड़ी-बड़ी कंपनियां इलेक्ट्रिक बाइक पर करोड़ों खर्च कर रही हैं, तब उदयपुर के एक नौजवान ने कबाड़ से ऐसी इलेक्ट्रिक बाइक बना दी है, जो न सिर्फ 100 किलोमीटर चलती है, बल्कि दिखने में भी जबरदस्त है और फीचर्स में भी किसी कंपनी की बाइक से कम नहीं है। इस लड़के का नाम है चीनू लोहार, जिनका इंस्टाग्राम पेज है @Chinu_lohar_99।

देसी अंदाज़, दमदार बाइक
इस बाइक को लोहे की पाइपों से बनाया है, जो उन्होंने खुद कबाड़ से जुटाई। पूरी बाइक की बॉडी मज़बूत लोहे से तैयार की गई है, जिस पर दो लोग आराम से बैठ सकते हैं और यह 200 किलो तक का वजन भी आसानी से उठा सकती है।
1 यूनिट में 100 किलोमीटर
इस देसी इलेक्ट्रिक बाइक में 1000 वोल्ट की मोटर लगी है और 12 वोल्ट की 5 बैटरियां, यानी कुल 60 वोल्ट का सिस्टम। ये बाइक सिर्फ 1 यूनिट बिजली में 100 किलोमीटर तक चल जाती है। पीछे चार्जिंग पॉइंट भी लगा हुआ है जिससे इसे चार्ज किया जा सकता है और इसके साथ लाइटें भी चलती हैं।

सिक्योरिटी ऐसी कि चोर भी डर जाए
इसमें स्मार्ट लॉक सिस्टम लगा है। अगर कोई बाइक को छूने की कोशिश करता है, तो इसका हॉर्न खुद बजने लगता है। अगर कोई इसे हिलाने की कोशिश करे, तो इसके दोनों पहिए लॉक हो जाते हैं और बाइक हिलेगी भी नहीं। जब तक रिमोट से इसे अनलॉक न किया जाए, ये बाइक चल ही नहीं सकती।
फीचर्स की भरमार
डिजिटल डिस्प्ले जिसमें अब तक चली दूरी (जैसे अभी तक 1275 किमी) और कौन-सा गियर चल रहा है, वह भी दिखता है।
इसमें 1st, 2nd और 3rd गियर हैं और रिवर्स गियर भी दिया गया है, जिससे बाइक पीछे भी जा सकती है।
हॉर्न, इंडिकेटर, लाइट, और सभी जरूरी बटन इसमें मौजूद हैं।
आगे और पीछे shockers लगे हैं ताकि खराब रास्तों और पहाड़ों पर भी बाइक आसानी से चल सके।

200 मीटर के अंदर यह 60 की स्पीड पकड़ सकती है।
एक सपना, जो लोहे से बन गया
चीनू बचपन में छोटी-छोटी रिमोट कारें बनाते थे। उनके पापा ने कहा था – "बेटा एक दिन बड़ी गाड़ी बनाना।" एक दिन सड़क पर ओला इलेक्ट्रिक बाइक देखकर उनके मन में ख्याल आया कि अगर प्लास्टिक की बाइक बन सकती है तो लोहे से क्यों नहीं? बस फिर क्या था, चीनू ने दिन-रात मेहनत करके ये देसी, दमदार और स्मार्ट इलेक्ट्रिक बाइक तैयार कर दी। चीनू की बनाई यह बाइक न केवल एक चमत्कार है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारत के युवाओं में कितना हुनर और नवाचार की भावना छिपी हुई है। कबाड़ से ऐसी तकनीक का निर्माण करना, वो भी बिना किसी बड़े संसाधन के, वास्तव में प्रेरणादायक है। चीनू आज कई युवाओं के लिए रोल मॉडल बन चुके हैं और उनका यह सफर आगे चलकर और भी नई ऊंचाइयों तक जाएगा।
वो कहते हैं न – "जिद हो तो कबाड़ भी काबिलियत में बदल जाता है।" चीनू की बाइक इसका जीता-जागता उदाहरण है।
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