अनोखा फर्श - अलग ही तरीका

26 Apr 2025 | Amazing Talent
अनोखा फर्श - अलग ही तरीका

आज हम आपको मिलवा रहे हैं एक ऐसे कलाकार से जो ज़मीन पर रंगोली जैसे फर्श बनाते हैं। इनका नाम है हरजीत सिंह, जो पंजाब के बरनाला जिले के पिंड बर्बर गांव के रहने वाले हैं। हरजीत जी पिछले 35 साल से यह अनोखा और सुंदर काम कर रहे हैं। इनका बनाया हुआ फर्श सिर्फ सीमेंट और ईंट से बना नहीं होता बल्कि इसमें कला, अनुभव और दिल से की गई मेहनत झलकती है।

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फर्श बनाने का तरीका

इस सुंदर फर्श को बनाने की प्रक्रिया बड़ी दिलचस्प होती है। सबसे पहले ये एक मसाला तैयार करते हैं जिसे ये चिकना कोर कहते हैं। यह मसाला मिट्टी और कुछ अन्य चीज़ों को मिलाकर बनाया जाता है।

  •  सबसे पहले ज़मीन को समतल यानी equal किया जाता है।
  •  फिर उस पर चिकना कोर का मसाला डाला जाता है।
  •  इसके बाद फर्श पर डिज़ाइन बनानी शुरू की जाती है।

राजस्थान से मंगवाई गई ईंटें

फर्श के डिज़ाइन में जो ईंटें लगाई जाती हैं वे आम ईंटें नहीं होतीं। ये खास ठोस ईंटें होती हैं जो हरजीत जी राजस्थान से मंगवाते हैं। इन ईंटों को काटकर तरह-तरह के आकार बनाए जाते हैं – जैसे गोल, चौकोर, त्रिकोण वगैरह। फिर इन टुकड़ों को सटीकता से जोड़कर फर्श पर चिपकाया जाता है। हरजीत जी ने अब तक करीब 100 तरह की डिज़ाइन तैयार की हैं। इनमें से कुछ में फूलों के पैटर्न होते हैं, कुछ में पौधे लगाने के लिए अलग तरह की जगह होती है और कुछ डिज़ाइन नार्मल सुंदरता के लिए बनाए जाते हैं।

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एक प्रोजेक्ट - एक महीना

हर एक जगह का काम पूरा करने में कम से कम एक महीना लगता है। डिज़ाइन बनाने के बाद उसे एक हफ्ते के लिए छोड़ दिया जाता है, ताकि वह अच्छे से बैठ जाए। इसके बाद उसे पानी से तर किया जाता है।

सीमेंट का लेयर और चमकदार फिनिशिंग

अब अगला स्टेप होता है सीमेंट की परत चढ़ाना। एक ड्रम में पानी, सीमेंट और बजरी डालकर एक पेस्ट बनाया जाता है। इस पेस्ट को फर्श पर डाले गए ईंटों के डिज़ाइन के ऊपर डाला जाता है। लेकिन ध्यान रखा जाता है कि इसे डालने से पहले फिर से तराई की जाए ताकि मसाला अच्छे से पकड़ सके। जब यह परत सूख जाती है तो शुरुआत में डिज़ाइन दिखाई नहीं देता। लेकिन असली जादू तो इसके बाद होता है  जब इसकी घिसाई की जाती है। घिसाई के बाद डिज़ाइन उभर कर सामने आता है और इतनी चमक देता है कि देखने वाला दंग रह जाता है।

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अनुभव ही पहचान है

हरजीत सिंह जी का कहना है कि उनके 35 साल का अनुभव ही है जो इस फर्श को खास चमक और मजबूती देता है। ये फर्श न केवल दिखने में सुंदर होता है बल्कि सालों तक टिकाऊ भी रहता है। इनका काम सिर्फ एक फर्श नहीं, बल्कि ज़मीन पर बिछी एक खूबसूरत रंगोली होती है। अगर आप कभी बरनाला जाएं, तो उनके बनाए डिज़ाइनों को ज़रूर देखिए क्योंकि ये सिर्फ ईंट और सीमेंट नहीं, बल्कि मेहनत, हुनर और कला का संगम है।

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