लज़ीज़ 'टमटम' नमकीन बनाने का हाईटेक तरीका


एक ऐसी मेगा फैक्ट्री जहां 70-80 सालों से बन रही है चटपटी जायकेदार नमकीन, जो हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मशहूर है। 26 तरह की नमकीनों को एक साथ मिलकर बनाई जाती है यह टमटम नमकीन। कमाल की बात तो यह है कि इस नमकीन को प्रतिदिन कुंतलों की मात्रा तथा दर्जनों प्रकार की वैरायटी में अद्भुत तरीके से निर्मित किया जाता है। आये जानते हैं श्रीराम टमटम नमकीन फैक्ट्री के मालिक गौतम गुप्ता जी से इस लजीज नमकीन बनाने के पूरे प्रोसेस को।
टमटम के विकास की प्रक्रिया:
सन् 1947 से बन रही इस नमकीन की शुरुआत गुप्ता जी के पिताजी ने की थी। उनके द्वारा बनाई गई यह रेसिपी आज भी लोगों को इस चटपटी नमकीन का दीवाना बनाए हुए हैं। इस नमकीन को बनाने के लिए सबसे पहले बेसन को एक बड़े से ड्रम में छानकर दूसरे ड्रम में डाला जाता है, जिसमें पहले से ही पानी मिक्स होता है। बेसन को अच्छे से मिलाने के लिए एक इलेक्ट्रिक मिक्सिंग मशीन उस ड्रम में चलाई जाती है। 10 से 15 मिनट तक मशीन ड्रम में घूमने के बाद बेसन का आटा घुलकर तैयार हो जाता है।
तैयार आटे को फ्राई करने वाली मशीन पर ले जाया जाता है, जिसमें आटे को अच्छे से मशीन के अंदर फिल कर कढ़ाई के ऊपर सेट कर मशीन चलाई जाती है तथा मशीन से नमकीन की शेप में बेसन निकलना शुरू हो जाता है, जो करीब 5-10 मिनट तेल में फ्राइड होकर नमकीन का रूप लेता है। इसी प्रकार नमकीन में मिलाने के लिए पापड़ी, नींबू की सेव, छीनी सेव, मूंगफली, 10 तरह के ग्रेन आदि को तैयार कर अलग-अलग ड्रम में रख लेते हैं।
नमकीन मिक्सिंग प्रोसेस:
विभिन्न प्रकार की नमकीनों को मिक्स करने के लिए एक विशेष प्रकार की रोलिंग मशीन होती है, जिसमें इन 26 प्रकार के पदार्थ को मशीन में बारी-बारी से डाला जाता है। इसमें सबसे पहले चकली गठिया डालते हैं तथा फिर तीखा सेव, लहसुन का सेव, तीखी बूंदी, फ्राइड मुरमुरे, सोलापुरी चिवड़ा, मीठी बूंदी आदि को डालकर मशीन चला देते हैं, जो इन सभी पदार्थों को घुमा-घुमा कर मिला देती है। इसी के साथ चलती मशीन में करीब 10 प्रकार के ग्रेंनस् ऐड करते हैं और इनके पिताजी द्वारा तैयार किया गया यह स्पेशल मसाला निश्चित अनुपात में डाला जाता है, जो इसके स्वाद और फ्लेवर को चटपटा बना देता है।
मसाला और मिर्च डालने के बाद, इसके अंदर ड्राई फ्रूट्स और कड़ी पत्ता डालकर मशीन को फिर 5 मिनट के लिए चलाया जाता है तथा लास्ट में पापड़ी डालकर मशीन चला देते हैं और यह सभी पदार्थ आपस में मिक्स होकर एक चटपटा लजीज टमटम नामक नमकीन बनकर बाहर निकलती हैं। एक बार में लगभग 300 से 400 किलोग्राम टमटम बनकर तैयार की जाती है, जिसको विभिन्न वेट में ऑटोमेटिक मशीन द्वारा अपनी ब्रांड के नाम से प्रिंटेड पैकेट में भरकर पैक कर दिया जाते हैं।
काउंटर वाली खुली टमटम:
सन् 1947 के समय उनके पिताजी इस काउंटर पर लाइव टमटम तैयार करके बेचते थे, इस काउंटर को इन्होंने आज भी जीवित रखा है और ग्राहकों को साथ के साथ टमटम तैयार कर और हाथ से मिक्स कर खिलाते हैं। लाइव टमटम बनाने के लिए एक कागज में सभी उपरोक्त 26 प्रकार की नमकीनों और ग्रेंस को थोड़ा-थोड़ा कागज में रखकर उनके ऊपर पर्याप्त मात्रा में स्पेशल मसाला छिड़क कर, बारीक कटे हुए प्याज, धनिया, हरी मिर्च, आम, अंगूर, अनार आदि को नमकीन के ऊपर डालकर तथा अच्छे से मिलाकर, हरे नींबू का रस नीचोड़कर टमटम तैयार कर ग्राहक को सौंप देते हैं।
जिसे खाकर हर कोई इसका दीवाना हो जाता है। गुजराती नाम 'तीखू टमटम तू' से निकाला यह टमटम नमकीन का नाम आज एक ब्रांड के रूप में विद्यमान है।
यदि कोई भाई इनसे संपर्क करना चाहे तो इनका मोबाइल नंबर 026524281 पर कांटेक्ट कर सकता है। दोस्तों कैसी लगी आपको यह जानकारी कमेंट कर अवश्य बताएं तथा ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए जुड़े रहे "द अमेजिंग भारत" के साथ। धन्यवाद॥
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